विदेशों में तेजी की रपटों के बीच तेल-तिलहन कीमतों में मजबूत

By भाषा | Updated: July 16, 2021 20:19 IST2021-07-16T20:19:50+5:302021-07-16T20:19:50+5:30

Oil-oilseeds prices firm amid reports of rise abroad | विदेशों में तेजी की रपटों के बीच तेल-तिलहन कीमतों में मजबूत

विदेशों में तेजी की रपटों के बीच तेल-तिलहन कीमतों में मजबूत

नयी दिल्ली, 16 जुलाई विदेशी बाजारों में तेजी के रुख और त्यौहारी मांग निकलने से स्थानीय तेल-तिलहन बाजार में शुक्रवार को सरसों, सोयाबीन, सीपीओ तेल सहित विभिन्न तेल-तिलहनों के भाव सुधार के साथ बंद हुए।

बाजार सूत्रों ने बताया कि मलेशिया एक्सचेंज 0.5 प्रतिशत और शिकॉगो एक्सचेंज में 1.5 प्रतिशत की तेजी रही जिसका सीधा असर स्थानीय तेल-तिलहनों पर दिखा, जिनके भाव लाभ के साथ बंद हुए।

उन्होंने कहा कि देश में अचार बनाने वाली कंपनियों के अलावा त्यौहारों की मांग धीरे धीरे बढ़ रही है। मंडी में तिलहन फसलों की आवक कम है तथा तेल मिलों के पास थोड़ा बहुत स्टॉक छोड़कर व्यापारियों, सहकारी संस्था नाफेड और हाफेड के पास तिलहन का कोई स्टॉक नहीं है। किसान बाजार में रोक रोक कर अपना माल ला रहे हैं।

सूत्रों ने कहा कि मार्च अप्रैल के दौरान सरसों से जो रिफाइंड बनाया जा रहा था, सरकार को उस पर रोक लगानी चाहिये थी नहीं तों आज ऐसी किल्लत नहीं होती। 1980-90 के दशक में सरसों से वनस्पति तेल बनाये जाने पर रोक हुआ करती थी, उस रोक को लागू करना चाहिये था। उन्होंने कहा कि यदि सरकार की ओर से बाजार भाव पर सरसों की खरीद की गई होती तो हाफेड की पेराई मिलें भी काम कर रही होतीं और अगली बिजाई के लिए बीज उपलब्ध रहते। सोयाबीन तेल की तरह सरसों का आयात नहीं किया जा सकता और अगली फसल आने में लगभग सात-आठ माह की देर है।

सूत्रों ने कहा कि बिहार, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल में सरसों के कच्ची घानी के तेल की मांग होती है। बिहार में बाढ़ के बाद सरसों की मांग निकलेगी और आगामी पर्व त्यौहारों की मांग को देखते हुए स्टॉक बहुत ही सीमित है। सरकार को अभी भी सरसों का कुछ स्टॉक तैयार कर लेना होगा जिससे आगे दिक्कत न आये।

उन्होंने कहा कि विदेशी बाजारों में तेजी और मांग बढ़ने से सोयाबीन तेल तिलहन के भाव मजबूत बने रहे। स्थानीय मांग बढ़ने से बिनौला में सुधार आया। मलेशिया एक्सचेंज में तेजी को देखते हुए सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतें भी पर्याप्त सुधार के साथ बंद हुईं।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 7,545 - 7,595 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना - 5,695 - 5,840 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 14,000 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,155 - 2,285 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 14,900 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,430 -2,48 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,530 - 2,640 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 15,000 - 17,500 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 14,650 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 14,400 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 13,350 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,000 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,650 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 12,800 रुपये।

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Web Title: Oil-oilseeds prices firm amid reports of rise abroad

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