रुपया कमजोर होने और आयात शुल्क मूल्य बढ़ने से तेल तिलहन कीमतों में सुधार

By भाषा | Updated: February 26, 2021 22:21 IST2021-02-26T22:21:37+5:302021-02-26T22:21:37+5:30

Oil oilseed prices improve due to weakening rupee and increase in import tariff value | रुपया कमजोर होने और आयात शुल्क मूल्य बढ़ने से तेल तिलहन कीमतों में सुधार

रुपया कमजोर होने और आयात शुल्क मूल्य बढ़ने से तेल तिलहन कीमतों में सुधार

नयी दिल्ली, 26 फरवरी देश में खाद्यतेलों के आयात शुल्क मूल्य के बढ़ने तथा रुपये के कमजोर होने से स्थानीय तेल तिलहन बाजार में शुक्रवार को सोयाबीन, सीपीओ, पाम एवं पामोलीन सहित विभिन्न खाद्यतेलों में लाभ दर्ज हुआ जबकि सामान्य कारोबार के बीच सरसों व मूंगफली तेल तिलहन कीमतें पूर्वस्तर पर बनी रहीं।

बाजार के जानकार सूत्रों के अनुसार दिल्ली में हल्के तेलों में गिने जाने वाले सूरजमुखी तेल का भाव 171 रुपये किलो की रिकॉर्ड ऊंचाई को छू गया।

उन्होंने कहा कि घरेलू के साथ साथ दुनियाभर में मुर्गी चारे के लिए सोयाबीन खली (डीओसी) की भारी मांग है और निर्यात के सौदों को पूरा करने में मुश्किल आ रही है क्योंकि मध्य प्रदेश में सोयाबीन के ज्यादातर फसल बरसात के कारण खराब हुए हैं और दागी सोयाबीन दाने का उपयोग डीओसी में नहीं होता। इसके अलावा सोयाबीन की बड़ियां बनाने वाली कंपनियों की भारी मांग के कारण दिल्ली में सोयाबीन का खरीद भाव लगभग 6,100 रुपये क्विन्टल की रिकॉर्ड ऊंचाई पर है। इसके अलावा एक नंबर के डीओसी का ‘प्लांट डिलीवरी’ भाव 5,400-5,500 रुपये क्विन्टल हो गया है। उन्होंने कहा कि सोयाबीन की भारी किल्लत और आगामी फसल के आने में लगभग आठ महीने के समय को देखते हुए सरकार को डीओसी की घरेलू मांग को पूरा करने के लिए निर्यात पर अंकुश लगाने के बारे में भी विचार करना चाहिये।

उन्होंने कहा कि पाइपलाइन बिल्कुल खाली है और खाद्यतेल का स्टॉक पूरे दुनिया में घटा है। वैश्विक स्तर पर हल्के तेलों की मांग में काफी इजाफा हुआ है जिसकी वजह से दिल्ली में सूरजमुखी तेल का भाव 171 रुपये किलो की रिकॉर्ड ऊंचाई पर जा पहुंचा है।

शुक्रवार को आयात शुल्क मूल्य को बढ़ाया गया जहां सीपीओं के शुल्क में 97 रुपये क्विन्टल और सोयाबीन के शुल्क में 57 रुपये क्विन्टल की बढ़ोतरी की गई। सीपीओ के आयात शुल्क मूल्य के बढ़ने तथा रुपया के कमजोर होने से सीपीओ और पामोलीन कीमतों में पर्याप्त सुधार आया।

सामान्य कारोबार के बीच सरसों और मूंगफली तेल तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे। मूंगफली तेल के महंगा होने की वजह से बिनौला की अच्छी खासी मांग रही जिससे बिनौला तेल कीमत में भी सुधार आया।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 6,395 - 6,445 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना - 6,060- 6,125 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 15,000 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,395 - 2,455 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 13,300 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,000 -2,150 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,130 - 2,245 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 13,500 - 16,500 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 12,950 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,800 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 11,660 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 10,850 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 11,900 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 12,800 रुपये।

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Web Title: Oil oilseed prices improve due to weakening rupee and increase in import tariff value

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