नीति आयोग ने अनुबंध लागू कराने के मुद्दे पर ठोस नीति सुझाव के लिये बनाएं कार्यबल

By भाषा | Updated: March 22, 2021 22:05 IST2021-03-22T22:05:26+5:302021-03-22T22:05:26+5:30

NITI Aayog to create a workforce for concrete policy suggestions on the issue of enforcing the contract | नीति आयोग ने अनुबंध लागू कराने के मुद्दे पर ठोस नीति सुझाव के लिये बनाएं कार्यबल

नीति आयोग ने अनुबंध लागू कराने के मुद्दे पर ठोस नीति सुझाव के लिये बनाएं कार्यबल

नयी दिल्ली, 22 मार्च नीति आयोग ने सोमवार को कहा कि उसने अनुबंधों को लागू करने के साथ-साथ प्रभावी सुलह व्यवस्था को लेकर नीतिगत रूपरेखा मामले में सुझावों के लिये दो कार्यबल गठित किये हैं।

अनुबंध के मामले में निजी पक्षों और सरकार के बीच विवादों के तेजी से समाधान के बारे में उपाय सुझाने के लिये एक कार्यबल की अध्यक्षता नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत करेंगे।

आधिकारिक बयान के अनुसार कांत की अगुवाई वाला कार्यबल के नियम एवं शर्तों में अनुबंधों को लेकर सरकार (मंत्रालयों, केंद्रीय लोक उपक्रमों) और निजी ठेकेदारों/कंपनियों के बीच विवादों के तेजी से समाधान को लेकर प्रभावी सुलह के लिये दिशानिर्देश तैयार करना शामिल है।

कांत की अगुवाई वाला कार्यबल सुलह प्रक्रिया आदि में लागू होने वाली नीति, प्रक्रिया और संस्थागत उपायों के बारे में भी सुझाव देगा।

बयान के अनुसार कार्यबल मध्यस्थ और सुलह अधिनियम, 1996 के प्रासंगिक प्रावधानों की भी समीक्षा करेगा।

कार्यबल गठन के तीन महीने में अपनी रिपोर्ट देगा।

आयोग ने ट्वीट किया है, ‘‘सरकार और निजी इकाइयों के बीच अनुबंध संबंधी विवादों के तेजी से निपटान तथा कारोबार सुगमता के लिये नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत की अध्यक्षता में कार्यबल का गठन किया गया है। समिति प्रभावी सुलह व्यवस्था को लेकर अपनी सिफारिशें देगी।’’

कांत की अगुवाई वाले कार्यबल के सदस्य डीपीआईआईटी (उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग) सचिव, आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव, विधि सचिव, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और सीईओ, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सचिव, नागर विमानन सचिव, बिजली सचिव, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा सचिव, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के चेयरमैन हैं।

दूसरा कार्यबल अनुबंधों को लागू करने के बारे में नीतिगत रूपरेखा की सिफारिश करेगा। इसकी अगुवाई नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार करेंगे।

एक अन्य ट्वीट में उसने लिखा है, ‘‘निवेश में जोखिम धारणा को दूर करने और नीति के मामले में निश्चितता लाने के इरादे से अनुबंधों को क्रियान्वित करने के बारे में नीतिगत रूपरेखा की सिफारिशों को लेकर नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार की अध्यक्षता में कार्यबल का गठन किया गया है।

इसमें आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव, राजस्व सचिव, वाणिज्य सचिव के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव बतौर सदस्य शामिल होंगे। कार्यबल अपने गठन के छह महीने के भीतर रिपोर्ट देगा।

आयोग के बयान के अनुसार कुमार की अगुवाई वाले कार्यबल के लिये निर्धारित नियम एवं शर्तों में वाणिज्यिक मामलों के निपटान को लेकर सभी राज्यों में जिला स्तर पर बड़े शहरों/संकुलों में जरूरी ढांचागत सुविधाओं के साथ पर्याप्त संख्या में वाणिज्यिक अदालतों का गठन और उसे परिचालन में लाने के बारे में सुझाव शामिल हैं।

आयोग ने यह भी कहा कि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। इसमें 2025 तक पेट्रोल में एथनॉल मिश्रण की रूपरेखा के बारे में सुझाव दिया गया है।

रिपोर्ट में एथेनॉल के उत्पादन और आपूर्ति को लेकर सालाना आधार पर लक्ष्य का सुझाव दिया गया है। साथ ही इसके अनुरूप वाहनों के विनिर्माण और नियामकीय सुगमता की सिफारिश की गयी है।

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Web Title: NITI Aayog to create a workforce for concrete policy suggestions on the issue of enforcing the contract

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