मुंबई: निर्मला सीतारमण नरीमन प्वाइंट बीजेपी दफ्तर पहुंचीं, PMC बैंक के ग्राहकों के विरोध का करना पड़ा सामना
By विनीत कुमार | Published: October 10, 2019 01:19 PM2019-10-10T13:19:42+5:302019-10-10T13:27:28+5:30
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज मुंबई में हैं। इसी दौरान जब वे नरीमन प्वाइंट स्थित बीजेपी दफ्तर पहुंची तो उन्हें पीएमसी बैंक के जमाकर्ताओं से विरोध प्रदर्शन झेलना पड़ा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को आज गुरुवार को उस समय पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) के ग्राहकों का विरोध-प्रदर्शन झेलना पड़ा जब वे मुंबई के नरीमन प्वाइंट स्थित बीजेपी के कार्यालय पहुंचीं। सीतारमण के यहां पहुंचने से पहले ही बड़ी संख्या में पीएमसी बैंक के खाताधारक यहां पहुंच चुके थे।
बहरहाल, इसके बाद निर्मला सीतारमण ने विरोध प्रदर्शन करने वालों को बैठक के लिए भी बुलाया। फिलहाल ये बैठक बीजेपी दफ्तर में जारी है। दरअसल, पीएमसी बैंक में धांधली की बात सामने आने के बाद इससे जुड़े ग्राहक और जमाकर्ता अपने खाते से पैसे नहीं निकाल पा रहे हैं क्योंकि बैंक की स्थिति को देखते हुए कई तरह के प्रतिबंध लगे हुए हैं।
Mumbai: Finance Minister Nirmala Sitharaman arrives at BJP office at Nariman Point. Depositors of Punjab and Maharashtra Cooperative (PMC) Bank are protesting outside the party office. pic.twitter.com/P9fOWmiqfs
— ANI (@ANI) October 10, 2019
इससे पहले बुधवार को भी मुंबई में एक अदालत के बाहर पीएमसी बैंक के जमाकर्ता बड़ी संख्या में पहुंचे थे और विरोध प्रदर्शन करते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। वहीं, बैंक के पूर्व अध्यक्ष और एचडीआईएल के दो निदेशकों की पुलिस हिरासत को अदालत ने बुधवार को 14 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया।
यह मामला 4,355 करोड़ रुपये के घोटाले का है। एस्प्लानेड मजिस्ट्रेट की अदालत ने मुंबई पुलिस के आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के आग्रह पर हिरासत अवधि बढ़ा दी गई। हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर (एचडीआईएल) के निदेशक राकेश वधावन और उनके बेटे सारंग वधावन को पिछले गुरुवार को गिरफ्तार किया गया था।
वहीं पीएमसी बैंक के पूर्व अध्यक्ष वरयम सिंह को शनिवार को गिरफ्तार किया गया था। अदालत के बाहर प्रदर्शनकारी ‘ओनली जेल, नो बेल (सिर्फ जेल, जमानत नहीं) के नारे लगा रहे थे। उनमें से कइयों के हाथों में तख्तियां भी थी। एक तख्ती पर लिखे नारे में आरबीआई को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया था।