नयी दिल्ली, तीन जनवरी देश में राजमार्गों का विस्तार करने वाली संस्था भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) लालफीताशाही पर अंकुश लगाने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिये सॉफ्टवेयर का सहारा लेगी। साफ्टवेयर के जरिये फाइलों के प्रसंस्करण में देरी किस बिंदु पर हो रही है उसका पता लगाया जा सकेगा।
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस बारे में जानकारी देते हुये कहा कि यह पहल एनएचएआई में दक्षता व पारदर्शिता को बढ़ावा देने के विभिन्न उपायों का हिस्सा होगी।
एनएचएआई ने पिछले साल जून में कहा था कि वह निर्माण क्षेत्र का पहला संगठन है जोकि क्लाउड आधारित डेटा-लेक-सॉफ्टवेयर के साथ पूरी तरह से डिजिटल बन गया है।
गडकरी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘लाल फीताशाही को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। देरी से निर्णय लेने का परिणाम नुकसान हैं। लाल फीताशाही को मिटाने के लिये हम एक सॉफ्टवेयर लाएंगे, जो विशेष रूप से पता लगाएगा कि किसी फाइल को निपटाने में किस विशेष अधिकारी ने कितना समय लिया है।’’
मंत्री ने कहा कि एनएचएआई में दक्षता और पारदर्शिता बढ़ाने के लिये कई प्रस्ताव किये गये हैं। उन्होंने एनएचएआई के चेयरमैन एसएस संधू और राजमार्ग सचिव गिरधर अरमाने के साथ विस्तृत चर्चा की।
एनएचएआई के अध्यक्ष और राजमार्ग सचिव के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमारी प्रणाली में, हम कोशिश कर रहे हैं कि लाल फीताशाही को समाप्त किया जाए और निर्णय लेने को तेज व पारदर्शी बनाया जाये। भ्रष्टाचार मुक्त व समयबद्ध तरीके से काम होना चाहिये। जो लोग समय पर निर्णय नहीं लेते हैं, उनका पता लगाया जायेगा।’’
उन्होंने ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी।
इसके अलावा, गडकरी ने कहा कि परियोजना प्रबंधन परामर्श प्रणाली जल्द ही शुरू की जायेगी। उन्होंने कहा कि नयी प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जबकि गुणवत्ता के साथ समझौता किये बिना परियोजनाओं के निर्माण की लागत को कम करने पर ध्यान दिया जा रहा है।
गडकरी ने कहा, ‘‘मुझे गर्व है कि एनडीए-1 शासन के दौरान मंत्रालयों द्वारा 17 लाख करोड़ रुपये का काम बिना किसी भ्रष्टाचार के किया गया।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।