आयात शुल्क में कमी की अफवाह से सरसों, सोयाबीन में मजबूती, अफवाह फैलाने वालों पर सख्ती करे सरकार

By भाषा | Updated: May 26, 2021 20:42 IST2021-05-26T20:42:44+5:302021-05-26T20:42:44+5:30

Mustard, Soyabean strengthened due to rumor of decrease in import duty, government should tighten on rumor spreaders | आयात शुल्क में कमी की अफवाह से सरसों, सोयाबीन में मजबूती, अफवाह फैलाने वालों पर सख्ती करे सरकार

आयात शुल्क में कमी की अफवाह से सरसों, सोयाबीन में मजबूती, अफवाह फैलाने वालों पर सख्ती करे सरकार

नयी दिल्ली, 26 मई शिकागो एक्सचेंज में कल रात तेजी रहने की वजह से स्थानीय तेल तिलहन बाजार में बुधवार को सोयाबीन तेल कीमतों में तेजी का रुख रहा। हालांकि बुधवार को शिकागो एक्सचेंज में सामान्य कारोबार हुआ मगर कल रात की तेजी का असर घरेलू बाजार में सरसों तेल कीमतों पर भी हुआ जिसकी वजह से सरसों तेल कीमतों में भी सुधार देखने को मिला।

मूंगफली की गर्मियों की फसल मंडी में आने तथा स्थानीय एवं निर्यात मांग प्रभावित होने से मूंगफली तेल तिलहन कीमतों में गिरावट रही।

बाजार जानकार सूत्रों ने कहा कि आयात शुल्क में कमी किये जाने को लेकर अफवाहें फैलने से विदेशों में तेलों के दाम ऊंचे बोले गये। मलेशिया एक्सचेंज बुधवार को बंद रहा। अफवाहों के कारण शिकागो एक्सचेंज में कल रात सोयाबीन का भाव 1,430 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 1,461 डॉलर प्रति टन बोला गया। इस तेजी का असर घरेलू बाजार में सोयाबीन तेल कीमतों पर भी हुआ तथा सोयाबीन दिल्ली, इंदौर और डीगम के भाव में क्रमश: 50 रुपये, 100 रुपये और 20 रुपये की तेजी रही।

सूत्रों ने कहा कि सरकार ने आगामी आठ जून से सरसों तेल की ब्लेंडिंग (सम्मिश्रण) पर रोक लगाने का फैसला किया है जो एक सराहनीय कदम है। इससे उपभोक्ताओं को मिलावट मुक्त खाद्यतेल मिल सकेगा जो उनके लिए स्वास्थ्यप्रद भी होगा। पहले इसमें चावल भूसी या कुछ अन्य खाद्यतेलों की मिलावट की जाती रही थी।

जानकारों का कहना है कि तेल उद्योग, किसानों को भारी नुकसान पहुंचाने वाले झूठी अफवाहों के कारण देश अभी तक तेल तिलहन उत्पादन के मामले में आयात पर निर्भर बना हुआ है। इस स्थिति में बदलाव की सख्त आवश्यकता है और आत्मनिर्भरता हासिल करना बेहद जरूरी हो गया है क्योंकि विदेशी कंपनियों की मनमानी पर इससे पाबंदी लगेगी।

उन्होंने कहा कि समय समय पर आयात शुल्क कम होने अथवा बढ़ाने के बारे में झूटी अफवाह फैलाने वालों पर अंकुश लगाने के लिये सरकार को कोई न कोई कदम उठाना चाहिये। इसका बाजार पर बुरा असर पड़ता है।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 7,375 - 7,425 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना - 5,870 - 5,915 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 14,400 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,325 - 2,355 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 14,700 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,345 -2,395 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,445 - 2,545 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 16,000 - 18,500 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 15,300 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 15,100 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 14,070 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 12,150 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 14,100 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,950 रुपये।

पामोलिन एक्स- कांडला- 12,900 (बिना जीएसटी के)

सोयाबीन दाना 7,750 - 7,850, सोयाबीन लूज 7,650 - 7,700 रुपये

मक्का खल 3,800 रुपये

भाषा राजेश

मुंबई, 26 मई विदेशी बाजारों में अमेरिकी मुद्रा में कमजोरी के रुख के बीच बुधवार को रुपया 19 पैसे की बढ़त के साथ 72.77 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 72.85 प्रति डॉलर पर मजबूत खुला। कारोबार के दौरान यह 72.75 प्रति डॉलर के उच्चस्तर तक गया। इसने 72.87 प्रति डॉलर के निचले स्तर तक भी गया।

अंत में रुपया पिछले बंद स्तर की तुलना में 19 पैसे की बढ़त के साथ 72.77 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। सोमवार को रुपया 72.96 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।

इस बीच, छह मुद्राओं की तुलना में अमेरिकी मुद्रा का रुख दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 89.61 पर आ गया।

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