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बहुपक्षीय विकास बैंकों को समावेशी, हरित वृद्धि को निजी पूंजी जुटाने में तेजी लाने की जरूरत: सीतारमण

By भाषा | Updated: October 26, 2021 22:34 IST

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नयी दिल्ली, 26 अक्टूबर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (एआईआईबी) जैसे बहुपक्षीय विकास बैंकों को समावेशी और हरित विकास के लिये निजी क्षेत्र की पूंजी जुटाने के कार्यों में तेजी लाने की जरूरत है।

एआईआईबी के संचालन मंडल की छठी सालाना बैठक में भाग लेते हुए वित्त मंत्री ने बहुपक्षीय बैंक से सामाजिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिये निवेश अवसर तलाशने को भी कहा।

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी और जलवायु संकट ने बहुपक्षीय विकास बैंकों (एमडीबी) के महत्व और बहुपक्षीय विकास वित्त के साथ राष्ट्रों के प्रयासों की आवश्यकता को रेखांकित किया है।

सीतारमण ने एआईआईबी को उसके भविष्य के प्रयासों के लिये भारत के सहयोग और समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने जवाबदेही, पारदर्शिता और परिचालन गुणवत्ता तथा निवेश सुनिश्चित करने को लेकर बीजिंग स्थित बैंक से ‘रेजिडेंट बोर्ड’ और क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित करने को कहा।

उन्होंने संचालन मंडल की ‘कोविड-19 संकट और कोविड के बाद समर्थन’ विषय पर गोलमेज चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में समय पर संरचनात्मक सुधारों के साथ-साथ भारत सरकार की तरफ से लाये गये सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज देश की आर्थिक पुनरुद्धार प्रक्रिया में महत्वपूर्ण रहे हैं।

प्रोत्साहन पैकेज में सूक्ष्म वित्त संस्थानों के लिये कर्ज गारंटी योजना, राष्ट्रीय निर्यात बीमा खाता के जरिये परियोजना निर्यात को लेकर कदम, उर्वरकों के लिये अतिरिक्त सब्सिडी और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज उपलब्ध कराना शामिल है।

मंत्री ने कहा कि एक मजबूत सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था पर जोर के साथ कई कल्याणकारी योजनाओं ने अर्थव्यवस्था को प्रभावी ढंग से और कुशलता से बढ़ावा देने तथा विशेष रूप से गरीब और कमजोर लोगों के लिए जीवन एवं आजीविका की रक्षा करने में मदद की।

वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार, उन्होंने भारत सहित सदस्य देशों को वित्तीय सहायता प्रदान करने और कोविड से निपटने के प्रयासों में एआईआईबी के त्वरित कदम की सराहना की।

सीतारमण ने इस मौके पर मजबूत वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी परिवेश की मदद से व्यापक स्तर पर तेजी से चलाये गये टीकाकरण अभियान और एक अरब से अधिक टीकों की खुराक दिये जाने का भी जिक्र किया।

उन्होंने ‘वैक्सीन मैत्री’ पहल के तहत 95 देशों और संयुक्त राष्ट्र इकाइयों को भारत में तैयार सात करोड़ टीके की खुराक उपलब्ध कराये जाने का भी उल्लेख किया।

भारत एआईआईबी का संस्थापक सदस्य और दूसरा सबसे बड़ा शेयरधारक है। वर्ष, 2016 में गठित एआईआईबी में भारत की 7.65 प्रतिशत मतदान हिस्सेदारी जबकि चीन की 26.63 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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