दुनिया के छठे सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी, गूगल संस्थापकों को पीछे छोड़ा, जानिए कुल संपत्ति
By सतीश कुमार सिंह | Published: July 14, 2020 06:12 PM2020-07-14T18:12:33+5:302020-07-14T18:18:46+5:30
कंपनी के शेयरों में तेजी के चलते उसने इस मुकाम को हासिल किया है। शेयर भाव में इस तेजी के चलते कंपनी का बाजार पूंजीकरण बीएसई पर 35,373.88 करोड़ रुपये बढ़कर 12,26,231.01 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
नई दिल्ली/ मुंबईः रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। दुनिया के सबसे छठे अमीर शख्स हो गए हैं। ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के मुताबिक उनकी कुल संपत्ति 72.4 अरब डॉलर तक पहुंच गई है।
वह गूगल के संस्थापकों सर्जे ब्रिन और लैरी पेज को पछाड़कर दुनिया के छठे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं। तीन दिन के भीतर ही वह दुनिया के सातवें से छठे अमीर बन गए हैं। सोमवार को रिलायंस के शेयरों में 3 फीसदी की तेजी आई, जिसकी वजह से उनकी संपत्ति करीब 2.17 अरब डॉलर बढ़कर 72.4 अरब डॉलर हो गई।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड का बाजार पूंजीकरण सोमवार को 12 लाख करोड़ रुपये के स्तर को पार कर गया। कंपनी के शेयरों में तेजी के चलते उसने इस मुकाम को हासिल किया है। शेयर भाव में इस तेजी के चलते कंपनी का बाजार पूंजीकरण बीएसई पर 35,373.88 करोड़ रुपये बढ़कर 12,26,231.01 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
रिलायंस इंडस्ट्रीज सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में सबसे अधिक लाभ में चल रही है। कंपनी ने रविवार को प्रौद्योगिकी कंपनी क्वालकॉम से 730 करोड़ रुपये का निवेश हासिल करने की घोषणा की थी। अप्रैल से अब तक कंपनी अपनी डिजिटल इकाई जियो प्लेटफार्म्स में दुनियाभर के विभिन्न निवेशकों से 1.18 लाख करोड़ रुपये का निवेश हासिल कर चुकी है।
कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स में अब तक 25.24 प्रतिशत हिस्सेदारी इन निवेशकों को बेची
कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स में अब तक 25.24 प्रतिशत हिस्सेदारी इन निवेशकों को बेची है। इसके बाद से ही कंपनी के शेयरों में तेजी का रुख बना हुआ है। पिछले महीने रिलायंस 11 लाख करोड़ रुपये बाजार पूंजीकरण हासिल करने वाली देश की पहली कंपनी बनी थी।
गौरतलब है अमेरिका में टेक शेयरों में गिरावट की वजह से गूगल के फाउंडर पेज की संपत्ति 71.6 अरब डॉलर और ब्रिन की संपत्ति महज 69.4 अरब डॉलर रह गई है। Forbes रियल टाइम बिलिनेयर इंडेक्स के मुताबिक पिछले हफ्ते ही मुकेश अंबानी बर्कशायर हैथवे के सीईओ और दिग्गज निवेशक वारेन बफे को पीछे छोड़कर दुनिया के सातवें अमीर शख्स बने थे।
रिलायंस इंडस्ट्रीज की वार्षिक बैठक पहली बार ऑनलाइन होगी, एक लाख से अधिक निवेशक जुड़ेंगे
देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) बुधवार को पहली बार अपनी वार्षिक आम बैठक (एजीएम) का आनलाइन आयोजन करेगी। कंपनी इसके लिये एक नया वर्चुअल प्लेटफार्म बनायेगी जिसमें 500 स्थानों से एक लाख से अधिक शेयरधारक एकसाथ लॉग कर सकेंगे। आरआईएल की अब तक सभी एजीएम लोगों की व्यक्तिगत उपस्थिति के साथ होती रहीं हैं। ऐसे में मुंबई से बाहर रहने वाले शेयरधारक इस सालना कार्यक्रम में बहुत कम ही भागीदारी कर पाते हैं।
लेकिन अब नई परिस्थितियों में मुंबई से बाहर के निवेशक भी एजीएम कार्यक्रम को सीधे देख सेकेंगे, नई योजनाओं के बारे में जान सकेंगे और इसमें भागीदारी भी कर सकेंगे। आरआईएल ने शेयरधारकों को इस बारे में शिक्षित करने के लिये एक व्हट्सअप नंबर +91-79771-11111 के जरिये चैटबोट जारी किया है। इससे शेयरधारकों को आनलाइन लाग-इन करने, सवाल पूछने और विभिन्न प्रस्तावों पर मत देने के बारे में जानकारी दी जायेगी। यह 24 घंटे सातों दिन काम करेगा और जरूरी जानकारी देगा।
आरआईएल की यह आनलाइन एजीएम 15 जुलाई को होगी। पहली बार इसमें देश और दुनिया के 500 स्थानों से एक लाख से अधिक निवेशक सीधे वार्षिक आम बैठक में भाग ले सकेंगे। चैटबोट की शुरुआत रिलांयस के 53,124 करोड़ रुपये के मेगा राइट इश्यू के दौरान हुई जिसे जियो हेप्टिक चलायेगा। रिलायंस की पिछली एजीएम 12 अगस्त 2019 को कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कंपनी को 31 मार्च 2021 तक रिण मुक्त बनाने की कार्ययोजना की घोषणा की थी।
लेकिन तेल से लेकर दूरसंचार तक कई कारोबार करने वाला यह समूह पिछले महीने ही शुद्ध रूप से रिण मुकत हो गया। कंपनी ने अपनी डजिटल इकाई जियो प्लेटफार्म्स में 25.24 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर 1.18 लाख करोड़ रुपये जुटाने की व्यवस्था कर ली है। वहीं रिलायंस के मौजूदा शेयरधारकों को राइट इश्यू जारी कर 53,124 करोड़ रुपये भी जुटाने का भी इंतजाम किया है।
इसके अलावा ईंधन की खुदरा बिक्री कारोबार में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी बअेचकर 7,000 करोड़ रुपये जुटाये हैं कुल मिलाकर कंपनी ने 1.75 लाख करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने की पक्की व्यवस्था कर ली है। कंपनी के ऊपर 31 मार्च 2020 को 1,61,035 करोड़ रुपये का शुद्ध कर्ज था। नये निवेश के बाद कंपनी शुद्ध रूप से कर्जमुक्त हो गई है।