वित्त मंत्रालय सौर मोड्यूल, सेल पर अप्रैल 2022 से मूल सीमा शुाल्क लगाने पर सहमत: एमएनआरई
By भाषा | Published: March 10, 2021 08:55 PM2021-03-10T20:55:37+5:302021-03-10T20:55:37+5:30
नयी दिल्ली, 10 मार्च नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने कहा है कि वित्त मंत्रालय एक अप्रैल, 2022 से सौर मोड्यूल पर 40 प्रतिशत और सौर सेल पर 20 प्रतिशत मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) लगाने के उसके प्रस्ताव पर सहमति जतायी है।
मंत्रालय के कार्यालय ज्ञापन के अनुसार सौर सेल और मोड्यूल पर बीसीडी लगाने के प्रस्ताव पर (बोली में पहले दी जा चुकी परियोजनाओं को नयी व्यवस्था से छूट दिये बिना) वित्त मंत्रालय ने सहमति दे दी है।
ज्ञापन के अनुसार सौर मोड्यूल और सेल पर 31 मार्च, 2022 तक बीसीडी शून्य होगा जबकि एक अप्रैल, 2022 से दोनों पर क्रमश: 40 प्रतिशत और 20 प्रतिशत की दर से बीसीडी लगेगा।
मंत्रालय ने नवीकरणीय ऊर्जा क्रियान्वित करने वाली सभी एजेंसियों तथा अन्य संबंधित पक्षों को शुल्क दरों के बारे में सूचना देने को कहा है और उसे बोली दस्तावेज में शामिल करने को कहा है ताकि बोलीदाता इस ज्ञापन के बाद जमा की जाने वाली बोलियों में शुल्क का जिक्र करते समय इसे ध्यान में रखे।
सरकार ने 2022 तक 1,75,000 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। इसमें 1,00,000 मेगावाट सौर ऊर्जा शामिल हैं। इस लिहाज से यह प्रस्ताव महत्वपूर्ण है। भारत ने 2030 तक 4,50,000 नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने का भी लक्ष्य रखा है।
मंत्रालय ने ज्ञापन में कहा है कि दुनिया के अन्य देशों की तरह भारत का सौर ऊर्जा क्षेत्र काफी हद तक सौर उपकरणों के आयात पर निर्भर है।
इसमें कहा गया है कि कुछ देशों द्वारा घरेलू उद्योगों के हितों को नुकसान पहुंचाने के इरादे से सौर सेल और मोड्यूल की डंपिंग को देखते हुए सरकार ने रक्षोपाय शुल्क लगाया है।
दस्तावेज में कहा गया है कि आत्मनिर्भर भारत पहल से देश घरेलू विनिर्माण बढ़ाने की ओर कदम बढ़ा रहा है।
मंत्रालय के अनुसार घरेलू सौर विनिर्माण बढ़ने से भारत सौर सेल/मोड्यूल का निर्यात कर सकेगा। दूसरे देशों के पास भी इन उपकरणों की खरीद का एक अन्य विकल्प होगा।
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