मनरेगा की जगह विकसित भारत-जी राम जी?, साल में 125 दिन रोजगार, कानून लाएगी केंद्र सरकार

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 15, 2025 14:50 IST2025-12-15T14:16:05+5:302025-12-15T14:50:38+5:30

नए विधेयक का नाम ‘विकसित भारत-रोजगार और आजीविका गारंटी मिशन (ग्रामीण)’ (विकसित भारत- जी राम जी) विधेयक, 2025’ होगा।

mgnrega replace viksit bharat ji ram ji Developed India 125 days employment a year Central Governmentl bring law | मनरेगा की जगह विकसित भारत-जी राम जी?, साल में 125 दिन रोजगार, कानून लाएगी केंद्र सरकार

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Highlightsविधेयक की प्रतियां लोकसभा सदस्यों को बांटी गई हैं।हर वित्त वर्ष में 125 दिन के रोजगार की वैधानिक गारंटी दी जाएगी।पिछले 20 साल से अधिक समय तक ग्रामीण परिवारों को रोजगार की गारंटी दी है।

नई दिल्लीः सरकार ‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम’ (मनरेगा) को निरस्त करने और इस संबंध में एक नया कानून बनाने के लिए लोकसभा में विधेयक लेकर आ सकती है। नए विधेयक का नाम ‘विकसित भारत-रोजगार और आजीविका गारंटी मिशन (ग्रामीण)’ (विकसित भारत- जी राम जी) विधेयक, 2025’ होगा। विधेयक की प्रतियां लोकसभा सदस्यों को बांटी गई हैं।

विधेयक का उद्देश्य ‘‘ ‘विकसित भारत 2047’ के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप ‘‘ग्रामीण विकास ढांचा स्थापित करना है, जिसके तहत अकुशल शारीरिक श्रम करने के लिए स्वेच्छा से आगे आने वाले प्रत्येक ग्रामीण परिवार के वयस्क सदस्यों को हर वित्त वर्ष में 125 दिन के रोजगार की वैधानिक गारंटी दी जाएगी।

इसका लक्ष्य सशक्तीकरण एवं विकास को बढ़ावा देकर समृद्ध और सक्षम ग्रामीण भारत का निर्माण करना है।’’ लोकसभा की सोमवार की कार्यसूची में यह विधेयक सूचीबद्ध किया गया है। विधेयक के उद्देश्यों के कथन में ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि मनरेगा ने पिछले 20 साल से अधिक समय तक ग्रामीण परिवारों को रोजगार की गारंटी दी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, सामाजिक सुरक्षा के बड़े पैमाने पर कवरेज और बड़ी सरकारी योजनाओं को पूरी तरह लागू करने से ग्रामीण इलाकों में जो बड़ा सामाजिक-आर्थिक बदलाव आया है, उसे देखते हुए इसे और मज़बूत करना ज़रूरी हो गया है।" मनरेगा में जहां "आजीविका सुरक्षा बढ़ाने" पर ध्यान केंद्रित था,

वहीं नये विधेयक में कहा गया है कि इसका मकसद "समृद्ध और लचीले ग्रामीण भारत के लिए सशक्तीकरण, विकास, तालमेल और संतृप्ति" को बढ़ावा देना है, और "विकसित भारत राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना स्टैक’’ पर जोर देना है। विधेयक के अनुसार, खेतिहर मज़दूरों की उपलब्धता को आसान बनाना ज़रूरी है। संसद का शीतकालीन सत्र एक दिसंबर से शुरू हुआ था, जो 19 दिसंबर को समाप्त होगा।

मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम क्यों हटाया जा रहा है: प्रियंका गांधी

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के स्थान पर नया कानून बनाने की तैयारी के बीच सोमवार को कहा कि आखिर इस योजना से महात्मा गांधी का नाम क्यों हटाया जा रहा है। उन्होंने संसद में गतिरोध को लेकर यह दावा भी किया कि ऐसा लगता है कि सरकार ही सदन नहीं चलाना चाहती।

केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरकार खुद संसद में व्यवधान पैदा कर रही है...मुझे लगता है कि सरकार संसद चलाना ही नहीं चाहती है। हमने संसद में प्रदूषण पर चर्चा की मांग की थी, वो चर्चा भी नहीं हो रही है।’’

मनरेगा के स्थान पर नया कानून बनाए जाने की सरकार की तैयारी को लेकर उन्होंने कहा कि जब किसी योजना का नाम बदला जाता है तो उसमें खर्च आता है। प्रियंका गांधी ने सवाल किया, ‘‘महात्मा गांधी जी का नाम क्यों हटा रहे हैं। इनका मकसद क्या है?’’

सरकार ‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम’ (मनरेगा) को निरस्त करने और इस संबंध में एक नया कानून बनाने के लिए लोकसभा में विधेयक लेकर आ सकती है। नए विधेयक का नाम ‘विकसित भारत-रोजगार और आजीविका गारंटी मिशन (ग्रामीण)’ (विकसित भारत- जी राम जी) विधेयक, 2025’ होगा। विधेयक की प्रतियां लोकसभा सदस्यों को बांटी गई हैं।

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