नयी दिल्ली, 27 अक्टूबर देश की सबसे बड़ी कार विनिर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने बुधवार को बताया कि 30 सितंबर, 2021 को समाप्त चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान उसका एकीकृत शुद्ध लाभ 66 प्रतिशत घटकर 487 करोड़ रुपये रह गया।
कंपनी ने बताया कि समीक्षाधीन अवधि में सेमीकंडक्टर की कमी से विनिर्माण प्रभावित हुआ। इसके अलावा जिंस लागत बढ़ने से भी मारुति का मुनाफा प्रभावित हुआ।
इससे पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कंपनी ने 1,420 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध लाभ कमाया था।
समीक्षाधीन तिमाही के दौरान कंपनी की परिचालन से एकीकृत आय 20,551 करोड़ रुपये रही, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 18,756 करोड़ रुपये थी।
दूसरी तिमाही में कंपनी की कुल वाहनों की बिक्री तीन प्रतिशत घटकर 3,79,541 इकाई रही, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 3,93,130 इकाई थी।
समीक्षाधीन तिमाही में घरेलू बिक्री 3,20,133 इकाई रही, जो एक साल पहले की समान अवधि में 3,70,619 इकाई थी।
कंपनी ने हालांकि इस दौरान रिकॉर्ड 59,408 इकाइयों का निर्यात किया। यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 22,511 इकाई था।
मारुति ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों की कमी के कारण लक्ष्य के अनुसार उत्पादन नहीं किया जा सका, जिससे ज्यादातर घरेलू मॉडल प्रभावित हुए।
कंपनी ने बताया कि तिमाही के अंत में उसके पास दो लाख से अधिक लंबित ग्राहक ऑर्डर थे, और वह आपूर्ति में तेजी लाने के लिए सभी प्रयास कर रही है।
कंपनी ने कहा कि बीते दिनों इस्पात, एल्युमीनियम और अन्य धातुओं की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि हुई, जिससे उसका मुनाफा प्रभावित हुआ।
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