चेन्नई, 29 जुलाई मद्रास उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक को सीमेंट विनिर्माण कंपनियों के बजार में एकाधिकार और गुटबंदी की शिकायतों की जांच करने के निर्देश दिए।
निर्देश देने वाले न्यायमूर्ति वी भवानी सुब्बारायन ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के जांच महानिदेशक को भी इस्पात निर्माताओं पर लगे इसी तरह के गुटबंदी के आरोपों को लेकर जांच करने का निर्देश दिया।
दोनों अधिकारियों को चार महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।
न्यायाधीश ने कोयंबटूर निगम ठेकेदार कल्याण संघ और मंगाडू के ठेकेदार कल्याण संघ की याचिकाओं पर अंतरिम आदेश जारी करते हुए ये निर्देश दिए।
याचिकाकर्ताओं ने दलील दी है कि सीमेंट और इस्पात विनिर्माताओं ने आपस में सांठगांठ कर इन दो सामग्रियों की कमी पैदा कर दी है जो इमारतों के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हैं।
याचिकाओं में कहा गया कि ये कंपनियां अपने एकाधिकारवादी दृष्टिकोण से उद्योग जगत में राज कर रही हैं। इसमें दलील दी गयी कि कंपनियां अपने लाभ के लिए दोनों सामग्रियों की आपूर्ति के लिए काफी ज्यादी कीमतें वसूल कर रही हैं।
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