Lucknow Urban Co-operative Bank: भारतीय रिजर्व बैंक ने लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। इसका कारण बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं है और कमाई की संभावनाएं नहीं बची है।
रिजर्व बैंक ने कहा कि उत्तर प्रदेश के सहकारिता आयुक्त और पंजीयक से भी बैंक को बंद करने और सहकारी बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। परिसमापन पर, प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा के तहत जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से पांच लाख रुपये की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमा राशि प्राप्त करने का हकदार होगा।
रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 99.53 प्रतिशत जमाकर्ता, डीआईसीजीसी से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं। केंद्रीय बैंक ने लाइसेंस रद्द करने के पीछे कारण बताते हुए कहा कि लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं बची है। लाइसेंस रद्द करने के परिणामस्वरूप, बैंक को बैंक का कामकाज करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसमें अन्य चीजों के अलावा, तत्काल प्रभाव से जमा स्वीकार करना और जमा का पुनर्भुगतान शामिल है।
रिजर्व बैंक ने एमएसएमई क्षेत्र को कर्ज प्रवाह की समीक्षा की
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की स्थायी सलाहकार समिति (एसएसी) ने लखनऊ में आयोजित एक बैठक में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को कर्ज प्रवाह की समीक्षा की। केंद्रीय बैंक ने एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी। समिति की 28वीं बैठक की अध्यक्षता आरबीआई के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे ने की। इसमें एमएसएमई और वित्त मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
आरबीआई ने कहा, “बैठक के दौरान, एसएसी ने एमएसएमई को ऋण के प्रवाह की समीक्षा की और इस क्षेत्र के लिए ऋण अंतर का आकलन करने और उसे पाटने, बेहतर कर्ज व्यवस्था के लिए डिजिटल समाधान तलाशने, टीआरईडीएस (ट्रेड रिसिएवल्स डिस्काउंटिंग सिस्टम) को अपनाने में तेजी लाने, महिला उद्यमियों को ऋण सहायता, दबाव वाले एमएसएमई को पटरी पर लाने और कर्ज गारंटी योजनाओं संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।”
डिप्टी गवर्नर ने बैठक में, खासकर 2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था के लक्ष्य के संदर्भ में एमएसएमई क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका की बात कही। उन्होंने एमएसएमई की पूर्ण क्षमता के उपयोग के लिए सभी संबंधित पक्ष की ओर से सामूहिक प्रयास की जरूरत बतायी।