विदेशी बाजारों के कमजोर रुख से स्थानीय तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट, सरसों में सुधार

By भाषा | Updated: October 21, 2021 18:52 IST2021-10-21T18:52:12+5:302021-10-21T18:52:12+5:30

Local oil-oilseeds prices fall due to weak trend of foreign markets, improvement in mustard | विदेशी बाजारों के कमजोर रुख से स्थानीय तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट, सरसों में सुधार

विदेशी बाजारों के कमजोर रुख से स्थानीय तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट, सरसों में सुधार

नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर विदेशी बाजारों में कमजोर रुख के बीच दिल्ली में बृहस्पतिवार को सोयाबीन तेल तिलहन, पामोलीन और सीपीओ तेल कीमतों में गिरावट आयी। जबकि जयपुर में सरसों के भाव 150 रुपये मजबूत होने से सरसों तेल-तिलहन में सुधार आया। मूंगफली और बिनौला सहित विभिन्न खाद्य तेल-तिलहन के भाव पूर्ववत बने रहे।

बाजार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में दो प्रतिशत की गिरावट है जबकि बुधवार रात 3.5 प्रतिशत की तेजी दर्ज करने के बाद शिकागो एक्सचेंज में फिलहाल 1.4 प्रतिशत की गिरावट है। लेकिन दूसरी तरफ जयपुर के हाजिर बाजार में सरसों का भाव बृहस्पतिवार को लगभग 150 रुपये मजबूत हो गया जिससे इसके तेल तिलहन के भाव में सुधार देखने को मिला।

मलेशिया एक्सचेंज में कमजोरी की वजह से कच्चा पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल के भाव में गिरावट आई जबकि वायदा कारोबार में भाव टूटने से सोयाबीन तेल तिलहन के भाव भी कमजोर बंद हुए। वायदा कारोबार में सोयाबीन के नवंबर डिलिवरी वाले अनुबंध का भाव पहले के मुकाबले लगभग 33 रुपये टूटा है जिसके कारण सोयाबीन तेल तिलहनों पर दबाव रहा।

सूत्रों ने कहा कि शिकागो एक्सचेंज में 3.5 प्रतिशत की तेजी रहने से सोयाबीन डीगम के भाव बृहस्पतिवार को पूर्वस्तर पर बने रहे। बाकी तेल तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए।

बाजार सूत्रों ने कहा कि सरसों की किल्लत बनी हुई है जो आगे जाकर दीपावाली के बाद और बढ़ेगी। दूसरी ओर मंडियों में सरसों की आवक निरंतर कम हो रही है और आगे चलकर यह आवक घटकर 50-60 हजार बोरी रह जाने की उम्मीद है जबकि रोजाना की औसत मांग 3-3.5 लाख बोरी की है। व्यापारियों और मिलर्स के पास इसका कोई स्टॉक नहीं है और थोड़ा बहुत स्टॉक किसानों के पास ही रह गया है।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा हाल की बेमौसम बरसात ने किसानों को तबाही के कगार पर ला दिया है। हालत यह है कि जिन किसानों ने बुवाई कर रखी थी उन्हें दोबारा से इसकी बुवाई करनी होगी जिससे अगली फसल आने में एक महीने की और देर होने की संभावना बढ़ गई है। इस बीच सलोनी शम्साबाद में सरसों के दाम 9,350 रुपये क्विन्टल पर पूर्ववत रखा गया है।

सूत्रों ने कहा कि सलोनी में सरसों दाना की खरीद लागत अधिभार सहित 93.50 रुपये किलो के लगभग बैठती है। इसके पेराई की लागत 2.5 रुपये किलो बैठती है। एक क्विन्टल सरसों में 62 किलो खली के अलावा लगभग 36.5 किलो तेल निकलता है। इसके लगभग 2,000 रुपये क्विन्टल के खली का भाव हटा दिया जाये तो प्रति किलो सरसों तेल की लागत 192-193 रुपये किलो बैठती है और उसके ऊपर जीएसटी शुल्क अलग से है। कुल मिलाकर सरसों तेल की उत्पादन लागत 202 से 203 रुपये किलो बैठता है।

सूत्रों ने कहा कि आत्मनिर्भर होने के लिए शुल्क कम ज्यादा करने के बजाय तिलहन उत्पादन बढ़ाना ही एकमात्र विकल्प हो सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार को शुल्क कम-ज्यादा करने के बजाय अगर गरीब जनता को सही में राहत ही देनी है, तो उन्हें तेल आयात कर सीधे राश दुकानों के माध्यम से उपलब्ध कराना चाहिये क्योंकि आयात शुल्क में जितनी कटौती की गई होती है, खुदरा कारोबार में भाव पहले की तरह बनाये रखे जाते हैं और कोई विशेष लाभ उपभोक्ताओं को नहीं मिलता।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 8,920 - 8,950 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली - 6,285 - 6,370 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 14,300 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,080 - 2,210 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 18,100 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,720 -2,760 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,795 - 2,905 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 15,500 - 18,000 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 14,050 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,650 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 12,550

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,300 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,950 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,050 रुपये।

पामोलिन एक्स- कांडला- 11,900 (बिना जीएसटी के)।

सोयाबीन दाना 5,375 - 5,575, सोयाबीन लूज 5,125 - 5,225 रुपये।

मक्का खल (सरिस्का) 3,825 रुपये।

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Web Title: Local oil-oilseeds prices fall due to weak trend of foreign markets, improvement in mustard

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