ऊंचे भाव पर मांग कमजोर पड़ने से खाद्य तेलों में नरमी, सोयाबीन में स्टॉक तंगी से भाव ऊंचे

By भाषा | Published: May 11, 2021 07:17 PM2021-05-11T19:17:17+5:302021-05-11T19:17:17+5:30

Lack of demand at high prices, softening of edible oils, stock prices in soybean high | ऊंचे भाव पर मांग कमजोर पड़ने से खाद्य तेलों में नरमी, सोयाबीन में स्टॉक तंगी से भाव ऊंचे

ऊंचे भाव पर मांग कमजोर पड़ने से खाद्य तेलों में नरमी, सोयाबीन में स्टॉक तंगी से भाव ऊंचे

नयी दिल्ली, 11 मई विदेशों से आवक बढ़ने और ऊंचे भाव पर मांग कमजोर पड़ने के बीच मंगलवार को स्थानीय तेल तिलहन बाजार में नरमी का रुख रहा। सोयाबीन तेल डीगम कांडला का भाव पिछले दिन के मुकाबले 400 रुपये नीचे बोला गया, वहीं कच्चा पॉम तेल और रिफाइंड पामोलिन तेल भी क्रमश 100- 200 रुपये प्रति क्विंटल नीचे बोले गये।

बाजार सूत्रों का कहना है कि विदेशों में भाव ऊंचे पहुंच जाने के बाद मांग कुछ कमजोर पड़ी है। इसका असर सोयाबीन डीगम, कच्चा पॉम तेल के भाव पर देखा गया। सोयाबीन तेल डीगम कांडला भाव 450 रुपये घटकर 14,000 रुपये क्विंटल रह गया जबकि सोयाबीन तेल मिल डिलीवरी, दिल्ली और इंदौर के भाव भी क्रमश 100- 100 रुपये घटकर 15,850 रुपये और 15,650 रुपये क्विंटल रह गये।

सरसों तेल दादरी भी 100 रुपये गिरकर 15,200 रुपये क्विंटल रह गया। सरसों तिलहन में जयादा घटबढ़ नहीं हुई और भाव टिक रहे। मूंगफली तिलहन और तेल दोनों में यथा स्थिति रही।

बाजार जानकारों का कहना है कि सरकार को सोयाबीन सीड के मामले में ध्यान देना चाहिये। जून अंत में देश में सोयाबीन की बिजाई शुरू होनी है ऐसे में सरकार को बिजाई के लिये कम से एक से डेढ लाख टन सोयाबीन का स्टॉक अपने पास रखना चाहिये। इस बार बिजाई अधिक क्षेत्र में हो सकती है।

सोयाबीन तेल उत्पादक संघ की रिपोर्ट के मुताबिक देश में इस तेल वर्ष के दौरान अक्टूबर से अप्रैल तक 16.94 लाख टन सोया मील का निर्यात किया जा चुका है जबकि इससे पिछले साल इसी अवधि में केवल 4.58 लाख टन सोया मीन का निर्यात हुआ था। इस प्रकार आलोच्य अवधि में सोया मील निर्यात में कई गुणा वृद्धि हुई है। इस अवधि में सोयाबीन पिराई भी काफी बढ़ी है।

सोयाबीन मील की कमी को देखते हुये अखिल भारतीय पाल्ट्री ब्रीडर्स एसोसियेसन ने विदेशों से शुल्क मुक्त सोयाबीन मील के आयात की मांग की है। भारत सरकार के पशुपालन और डेयरी विभाग ने भी 12 लाख टन सोयाबीन मील के शुल्क मुक्त आयात की सिफारिश की है।

यही स्थिति सरसों के मामले में भी बनी है। जयपुर में 42 प्रतिशत कंडीशन (कर अलग) का भाव 7,700 रुपये तक बोला गया जबिक आगरा में इसका जीएसटी पेड भाव 8,200 रुपये तक बोला गया। सरसों का जो भी स्टॉक है अब किसानों के पास ही बचा है।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 7,500 - 7,600 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना - 6,435 - 6,480 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 15,750 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,515 - 2,575 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 15,200 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,380 -2,430 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,480 - 2,580 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 16,000 - 18,500 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 15,850 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 15,650 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 14,000 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 12,350 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 14,800 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 14,200 रुपये।

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