जेपी ऋण शोधन मामला: एनबीसीसी बोली खारिज करने के निर्णय को न्यायालय में दे सकती है चुनौती
By भाषा | Updated: May 21, 2021 21:46 IST2021-05-21T21:46:19+5:302021-05-21T21:46:19+5:30

जेपी ऋण शोधन मामला: एनबीसीसी बोली खारिज करने के निर्णय को न्यायालय में दे सकती है चुनौती
नयी दिल्ली, 21 मई सार्वजनिक क्षेत्र की एनबीसीसी जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण को लेकर उसकी पेशकश कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) के खारिज करने के निर्णय को लेकर उच्चतम न्यायालय जा सकती है। सीओसी ने ऋण शोधन कानून के कुछ प्रावधानों का अनुपालन नहीं करने का हवाला देते हुए एनबीसीसी की पेशकश को सही नहीं माना।
सूत्रों के अनुसार एनबीसीसी का मानना है कि निर्णय पक्षपातपूर्ण है और वह कानूनी विकल्प पर विचार कर रही है।
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी निर्णय के खिलाफ आपत्ति जताने के लिये अंतरिम समाधान पेशेवर (आईआरपी) अनुज जैन और सीओसी को पत्र लिख सकती है।
यह दिलचस्प है कि एनबीसीसी की योजना को सीओसी और राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने 2019 के आखिर और पिछले साल की शुरूआत में आयोजित बोली प्रक्रिया के तीसरे दौर में मंजूरी दे दी थी।
एनबीसीसी और सुरक्षा समूह ने ऋण शोधन प्रक्रिया के चौथे दौर में जेपी इंफ्राटेक (जेआईएल) के अधिग्रहण को लेकर बुधवार को अंतिम समाधान योजना सौंपी थी।
सूत्रों ने बृहस्पतिवार को कहा था कि सीओसी ने सुरक्षा समूह की बोली पर अगले सप्ताह से मतदान प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय किया जबकि एनबीसीसी की समाधान योजना को प्रावधानों के अनुरूप नहीं होने के आधार पर खारिज कर दिया।
सूत्रों ने कहा कि समिति ने एनबीसीसी की बोली को मतदान के अंतर्गत नहीं लाने का फैसला किया क्योंकि उसने उसे वित्तीय कर्जदाताओं की सहमति और असहमति के समाधान से संबंधित दिवाला कानून के प्रावधानों के अनुरूप नहीं पाया।
जेआईएल ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि कर्जदाताओं की समिति ने 20 मई को हुई बैठक में सुरक्षा रियल्टी लि. के साथ लक्षद्वीप इनवेस्टमेंट्स एंड फाइनेंस प्राइवेट लि. की अंतिम समाधान योजना को मतदान के लिये रखने का निर्णय किया।
सूचना में कहा गया है कि ई-मतदान 24 मई को शुरू होगा और 27 मई को बंद होगा।
सूत्रों ने शुक्रवार को कहा कि एनबीसीसी सीओसी के निर्णय को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दे सकती है।
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