कोच्चि, नौ दिसंबर कोविड-19 महामारी के दुष्प्रभ को झेलने वाले समुद्री खाद्य वस्तुओं के निर्यातकों के लिए एक राहत देने वाले एक घटनाक्रम के तहत जापान ने भारतीय ब्लैक टाइगर झींगा मछली की खेप के बैक्टीरिया रोधी सिथेटिक दवा फ़ुराज़ोलिडोन के अवशेष से पूरी तरह मुक्त पाये जाने के बाद यहां से किए जाने वाले इसके निर्यात की खेप को निरीक्षण से छूट दी है।
इस निर्णय की जानकारी, जापान के स्वास्थ्य, श्रम एवं कल्याण मंत्रालय (एमएचएलडब्ल्यू) ने वहां भारतीय दूतावास,भारत में समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीडा) और भारतीय निर्यात निरीक्षण परिषद को दी है।
इससे पहले, एमएचएलडब्ल्यू ने इस साल 25 मार्च को जारी एक अधिसूचना के माध्यम से ब्लैक टाइगर झींगा (पेनेस मोनोडॉन) के लिए आयात निरीक्षण नमूना आवृत्ति को 100 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत कर दिया था।
इस आदेश का स्वागत करते हुए, एमपीडा के अध्यक्ष के एस श्रीनिवास ने कहा कि यह उन भारतीय समुद्री खाद्य निर्यातकों के मनोबल को बढ़ाएगा, जो कोविड-19 महामारी महामारी के मद्देनजर विभिन्न व्यापार और लॉजिस्टिक की समस्याओं से जूझ रहे हैं। इस महामारी के कारण विदेशों में ‘सी-फूड’ बाजार गंभीर रूप से प्रभावित हुआ था।
जापान के फैसले से, खासकर पश्चिम बंगाल और केरल जैसे राज्यों से, ब्लैक टाइगर झींगा के निर्यात में वृद्धि होगी।
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