Jammu and Kashmir: भारी टोल शुल्क वसूल रहे हैं, 4 माह में कम करें?, हाईकोर्ट का सख्त फैसला, आम जनता से पैसा कमाने का उद्देश्य मत रखिए...

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 26, 2025 12:51 IST2025-02-26T12:51:17+5:302025-02-26T12:51:56+5:30

Jammu and Kashmir: अदालत ने कहा है कि लखनपुर और बन्न टोल प्लाजा पर वसूला जाने वाला शुल्क लखनपुर से उधमपुर तक राष्ट्रीय राजमार्ग पूरी तरह से चालू नहीं होने तक पिछले वर्ष 26 जनवरी से पहले लागू दरों का 20 प्रतिशत होगा।

Jammu and Kashmir charging heavy toll fees reduce 4 months Strict decision High Court not aim earning money from general public | Jammu and Kashmir: भारी टोल शुल्क वसूल रहे हैं, 4 माह में कम करें?, हाईकोर्ट का सख्त फैसला, आम जनता से पैसा कमाने का उद्देश्य मत रखिए...

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Highlightsभारी टोल शुल्क में चार महीने में कटौती करने का निर्देश दिया है।राजमार्ग को एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए विस्तारित किया जा रहा है।अन्य टोल प्लाजा पर भी टोल शुल्क अधिक है।

Jammu and Kashmir: माता वैष्णो देवी मंदिर के तीर्थयात्रियों समेत यात्रियों को बड़ी राहत देते हुए, जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख उच्च न्यायालय ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को केंद्र शासित प्रदेश में वसूले जा रहे भारी टोल शुल्क में चार महीने में कटौती करने का निर्देश दिया है। अदालत ने यह भी कहा गया है कि लखनपुर और बन्न टोल प्लाजा पर वसूला जाने वाला शुल्क लखनपुर से उधमपुर तक राष्ट्रीय राजमार्ग पूरी तरह से चालू नहीं होने तक पिछले वर्ष 26 जनवरी से पहले लागू दरों का 20 प्रतिशत होगा।

मुख्य न्यायाधीश ताशी राबस्तान और न्यायमूर्ति एम.ए. चौधरी की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर यह निर्देश पारित किया, जिसमें दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे पर जारी कार्य के पूरा होने तक लखनपुर और बन्न के बीच जम्मू-पठानकोट राजमार्ग पर वसूले जाने वाले टोल से छूट देने की मांग की गई थी। राजमार्ग को एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए विस्तारित किया जा रहा है।

मंगलवार को जारी 12 पृष्ठ के आदेश में पीठ ने कहा, " केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में आम जनता से पैसा कमाने के एकमात्र उद्देश्य से टोल प्लाजा की संख्या में वृद्धि नहीं होनी चाहिए... प्रतिवादी बन्न टोल प्लाजा पर भारी टोल शुल्क वसूल रहे हैं, जबकि अन्य टोल प्लाजा पर भी टोल शुल्क अधिक है।"

आदेश में कहा गया है, ‘‘इस प्रकार, न केवल एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) के खजाने में हजारों करोड़ रुपये जमा हो रहे हैं, बल्कि निजी ठेकेदार भी करोड़ों रुपये जमा करके खुद को समृद्ध कर रहे हैं।’’ अदालत ने कहा कि चूंकि आम जनता के लिए शुल्क उचित होना चाहिए और राजस्व सृजन तंत्र का स्रोत नहीं होना चाहिए।

इसलिए प्रतिवादियों - विशेष रूप से संबंधित केंद्रीय मंत्रालय - को निर्देश दिया जाता है कि वे टोल प्लाजा पर "उचित और वास्तविक" शुल्क वसूलने पर विचार करें। आदेश के अनुसार, "इस संबंध में निर्णय आज (मंगलवार) से चार महीने में सकारात्मक रूप से लिया जाना चाहिए।"

Web Title: Jammu and Kashmir charging heavy toll fees reduce 4 months Strict decision High Court not aim earning money from general public

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