निर्माण श्रमिकों को सामान देने के बजाए मौद्रिक सहायता डीबीटी के जरियें दें: श्रम मंत्रालय

By भाषा | Updated: March 25, 2021 19:44 IST2021-03-25T19:44:23+5:302021-03-25T19:44:23+5:30

Instead of giving goods to construction workers, give monetary help through DBT: Ministry of Labor | निर्माण श्रमिकों को सामान देने के बजाए मौद्रिक सहायता डीबीटी के जरियें दें: श्रम मंत्रालय

निर्माण श्रमिकों को सामान देने के बजाए मौद्रिक सहायता डीबीटी के जरियें दें: श्रम मंत्रालय

नयी दिल्ली, 25 मार्च श्रम मंत्रालय ने राज्यों को इमारतों और अन्य निर्माण कार्यों में कार्यरत श्रमिकों को राशन या घर में उपयोग होने वाले सामानों के रूप में मदद देने के बजाए सीधे उनके बैंक खाते में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिये वित्तीय सहायता देने को कहा है।

श्रम और रोजगार मंत्रालय ने आदेश जारी कर निर्माण कार्यों में लगे कामगारों को वित्तीय सहायता के लिये डीबीटी का उपयोग करने को कहा है। साथ ही वस्तुओं के रूप में लाभ वितरण पर रोक लगा दी है।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने हाल में जारी आदेश में राज्य कल्याण बोर्ड को बिल्डिंग और अन्य निर्माण कार्यो में लगे कामगारों को घरों में उपयोग होने वाले सामानों का वितरण नहीं करने को कहा है। इसके बजाए मौद्रिक सहायता डीबीटी के जरिये उपलब्ध कराने को कहा है।’’

बयान के अनुसार आदेश 22 मार्च, 2021 को बिल्डिंग और अन्य निर्माण कामगार (रोजगार नियमन और सेवा शर्तें) कानून, 1996 के तहत मुख्य सचिवों, प्रधान सचिवों (श्रम), श्रम आयुक्तों और राज्य बीओसीडब्ल्यू कल्याण बोर्ड के सचिवों को जारी किया गया।

कानून का मकसद प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों में राज्य कल्याण बोर्ड के माध्यम से निर्माण क्षेत्रों में लगे कामगारों की सुरक्षा, स्वास्थ्य, कल्याण और अन्य सेवा शर्तों का नियमन करना है।

मंत्रालय ने इस बात पर गौर किया कि कुछ राज्य कल्याण बोर्ड, जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा, दिव्यांगता लाभ, मातृत्व लाभ और वृद्धावस्था पेंशन जैसे उपायों के बजाए कंबल, लालटेन, छाता, बर्तन औ साइकिल जैसी चीजों के लिये निविदा जारी कर रहे हैं या फिर उस पर खर्च दिखा रहे हैं।

बयान के अनुसार चूंकि सामान की खरीद में कई चरणों की प्रक्रिया होती है, ऐसे में खरीद चरण के साथ वितरण के स्तर पर गड़बडी की आशंका हैं। इसीलिए तत्काल उक्त निर्णय किया गया है।

मंत्रालय ने कहा कि नकद सहायता के रूप में धन अंतरण पर पूरी तरह से रोक लगा दी गयी है और मौद्रिक सहायता अनिवार्य रूप से डीबीटी के माध्यम से देने को कहा गया है। आदेश के तहत सामानों के वितरण पर भी रोक लगायी गयी है।

बयान के अनुसार इसमें कहा गया है कि प्राकृतिक आपदा, महामारी जैसे आसाधारण परिस्थतियों को छोड़कर किसी भी हालत में कामगारों को सामान के रूप में सहायता नहीं दी जाएगी। इसके लिये भी सरकार की मंजूरी लेनी जरूरी होगी।

कानून में यह प्रावधान है कि राज्य कल्याण बोर्ड उपकर से जमा कोष को पेंशन, समूह बीमा योजना, श्रमिकों के बच्चों को वीजाफ, चिकित्सा खर्च, मातृत्व लाभ और आवास बनाने के लिये कर्ज के रूप में उपयोग करेंगे।

इसके अलावा बोर्ड को निर्धारित किये जाने वाले अन्य कल्याणकारी उपायों और सुविधाओं में खर्च की अनुमति है।

हालांकि यह पाया गया कि कुछ बोर्ड ने कानून के उप-खंडों का सहारा लेकर मनमाने तरीके से उपकर कोष का उपयोग इमारतों के निर्माण और सामान के वितरण में किये।

राज्य सार्वजनिक और निजी निर्माण कार्यों के निर्माण लागत का एक प्रतिशत उपकर लेते हैं। इसका उपयोग राज्य कल्याण बोर्ड निर्माण श्रमिकों के कल्याण के लिये करते हैं।

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Web Title: Instead of giving goods to construction workers, give monetary help through DBT: Ministry of Labor

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