नयी दिल्ली, 27 दिसंबर निजी क्षेत्र के इंडसइंड बैंक ने लाभार्थियों की यूपीआई पहचान का इस्तेमाल कर विदेश से धन भेजने की प्रक्रिया (रेमिटेंस) को सुविधाजनक बनाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के साथ गठजोड़ किया है।
यह सुविधा शुरू होने से किसी उपभोक्ता को पैसे भेजने के लिए अपने बैंक खाते का ब्योरा याद रखने की जरूरत नहीं होगी। इस तरह भारतीय नागरिक अब अपने विदेशी स्रोतों से कहीं आसानी से रकम पा सकते हैं।
इंडसइंड बैंक ने सोमवार को एक बयान में कहा कि उसने यूपीआई की मदद से तत्काल आधार पर विदेश से पैसे मंगाने वाली सुविधा देने के लिए सार्वजनिक भुगतान मंच एनपीसीआई के साथ हाथ मिलाया है।
यह पहल कर इंडसइंड बैंक यूपीआई का इस्तेमाल कर विदेश से पैसे मंगाने की सुविधा देने वाला देश का पहला बैंक बन गया है।
धन-अंतरण सेवा प्रदाता (एमटीओ) इंडसइंड बैंक के चैनल का इस्तेमाल कर एनपीसीआई की यूपीआई भुगतान प्रणाली से जुड़कर वैधता की पुष्टि करेंगे और लाभार्थी के खाते में विदेश से भेजी गई रकम जमा कर दी जाएगी।
बैंक ने ‘डीमनी’ का इस्तेमाल कर यूपीआई के जरिये विदेश से धन भेजने की शुरुआत थाइलैंड से की है। डीमनी थाइलैंड स्थित एक वित्तीय समाधान सेवा प्रदाता है। भारत स्थित लाभार्थियों की यूपीआई पहचान को डीमनी की वेबसाइट पर दर्ज कर आसानी से पैसे मंगवाए जा सकते हैं।
इंडसइंड बैंक ने कहा कि वह अन्य देशों में स्थित अंतरण सेवा प्रदाताओं को भी जोड़ना चाहता है।
बैंक के उपभोक्ता बैंकिंग एवं विपणन प्रमुख सौमित्र सेन ने कहा, ‘‘धन प्रेषण को सरल एवं सुविधाजनक बनाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। अब विदेश में रहने वाले लोग अपनी यूपीआई पहचान की मदद से भारत स्थित लाभार्थियों को पैसे भेज पाएंगे। उन्हें अपना बैंक खाता नंबर भी याद रखने की जरूरत नहीं होगी।’’
एनपीसीआई की मुख्य परिचालन अधिकारी प्रवीना राय ने उम्मीद जताई कि इस पहल से उपभोक्ताओं के लिए धन भेजना अधिक आसान हो जाएगा। इससे विदेश में मौजूद लोगों के बीच यूपीआई का इस्तेमाल बढ़ेगा।
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