अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार गिरावट का दौर अब भी जारी रहा है। गुरुवार को 74.30 के स्तर पर खुलने के बाद गिरता रहा और 74.47 के नए न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। इससे पहले बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 18 पैसे मजबूत हो कर 74.21 रुपये पर पहुंच गया था।
डॉलर के दुनिया के अन्य मुद्राओं की तुलना में लगातार मजबूत होने और देश से विदेशी पूंजी की निकासी जारी रहने से रुपये में गिरावट बनी हुई है। प्रमुख वैश्विक मुद्राओं की तुलना में डॉलर के मजबूत होने से रुपये की धारणा प्रभावित हुई।
इन वजहों से रुपए में आई कमजोरी
लगातर रुपये में कमजोरी चिंता का विषय बनती जा रही है। वहीं, लगातार तेल की बढ़ती वैश्विक कीमतों और पूंजी निकासी जारी रहने के बीच आयातकों से अमेरिकी मुद्रा के लिए मजबूत मांग के चलते रुपया निचले स्तर पर पहुंच रहा है। इसके अलावा अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार का भी असर मार्केट पर दिख रहा है।
उधर, तुर्की में इकनोमिक क्राईसस ने भी भारतीय रुपये पर दबाव डाला है। केवल भारत की नहीं बल्कि दुनियाभर में कई प्रमुख करंसी में लगातार कमजोरी देखी जा रही है।
इस साल लगभग 11 फीसदी कमजोर हुआ रुपये इस साल लगातार रुपये के मूल्य में गिरावट देखी गई है। आकड़े बताते हैं कि इस साल रुपये लगभग 11 फीसदी से ज्यादा कमजोर दर्ज हो चुका है। वहीं बीते वर्ष लगभग 6 फीसदी की तेजी से गिरावट दर्ज कराई गई थी।