भारतीय रेलवे के 17 लाख 63 हजार वरिष्ठ नागरिक यात्रियों ने छोड़ी सब्सिडी, मोदी सरकार ने कमाए करोड़ों
By रामदीप मिश्रा | Published: March 21, 2018 07:38 PM2018-03-21T19:38:50+5:302018-03-21T19:38:50+5:30
भारतीय रेलवे में मौजूदा समय में पुरुष वरिष्ठ नागरिकों को कुल यात्री किराये पर 40 प्रतिशत रियायत और महिला वरिष्ठ नागरिकों को कुल यात्री किराये पर 50 प्रतिशत रियायत दी जा रही है।
नई दिल्ली, 21 मार्चः देश की नरेंद्र मोदी सरकार ने आमजन से एलपीजी सब्सिडी छोड़ने के लिए अपील की थी, जिसके बाद हजारों लोगों ने सब्सिडी लेना बंद कर दिया था। इसी को देखते हुए भारतीय रेलवे ने भी सीनियर सिटीजन को सब्सिडी छोड़ने का विकल्प दिया था। उसके बाद लाखों वरिष्ठ नागरिकों ने सब्सिडी छोड़ दी।
भारतीय रेलवे ने इस संबंध में बुधवार को आकड़े जारी किए हैं, सब्सिडी छोड़ने वाले वरिष्ठ नागरिकों की संख्या में 35 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यात्री किराए में 100 प्रतिशत तक रियायत छोड़ने का विकल्प उपलब्ध कराया गया था।
भारतीय रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों को 22 जुलाई 2017 से यह विकल्प दिया गया था कि या तो वे रेल टिकटों पर उपलब्ध पूर्ण रियायत या इसके आधी रियायत का लाभ उठाएं।
आकड़ों के अनुसा, 22 फरवरी 2018 तक 9.08 लाख वरिष्ठ नागरिकों ने यात्री किराये पर शत-प्रतिशत सब्सिडी छोड़ दी, जबकि 8.55 लाख वरिष्ठ नागरिकों ने यात्री किराए पर 50 प्रतिशत सब्सिडी छोड़ दी। चालू वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान वरिष्ठ नागरिकों द्वारा सब्सिडी छोड़ने के कारण 28.98 करोड़ रुपये की बचत हुई है।
मौजूदा समय में पुरुष वरिष्ठ नागरिकों को कुल यात्री किराये पर 40 प्रतिशत रियायत और महिला वरिष्ठ नागरिकों को कुल यात्री किराये पर 50 प्रतिशत रियायत दी जा रही है। वैसे तो यात्री किराए पर रियायत पाने वालों में खिलाड़ियों और दिव्यांगजनों सहित यात्रियों की कई श्रेणियां शामिल हैं, लेकिन इस दृष्टि से प्रमुख लाभार्थी वरिष्ठ नागरिकों के संवर्ग में ही हैं।