Indian Economy: अगले सात साल में बढ़कर 7000 अरब डॉलर होने की उम्मीद, सीईए ने कहा-2022-23 के अंत तक 3500 अरब अमेरिकी डॉलर हो जाएगी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 12, 2023 06:13 PM2023-01-12T18:13:32+5:302023-01-12T18:14:17+5:30

Indian Economy: केंद्र सरकार ने पहले 2025 तक देश को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य तय किया था।

Indian Economy CEA V Ananth Nageswaran said Expected grow USD 7000 billion next seven years reach USD 3500 billion end of 2022-23 | Indian Economy: अगले सात साल में बढ़कर 7000 अरब डॉलर होने की उम्मीद, सीईए ने कहा-2022-23 के अंत तक 3500 अरब अमेरिकी डॉलर हो जाएगी

अमेरिका और यूरोप की उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में वृद्धि का रुख भी देखा जा सकता है।

Highlightsभू-राजनीतिक और भू-आर्थिक अनिश्चितताएं पैदा होंगी।चीन में प्रतिबंधों का खत्म होना भी विश्व अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।अमेरिका और यूरोप की उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में वृद्धि का रुख भी देखा जा सकता है।

कोलकाताः मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने उम्मीद जताई है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार अगले सात साल में बढ़कर 7,000 अरब डॉलर हो सकता है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था 2022-23 के अंत तक मौजूदा कीमतों पर 3,500 अरब अमेरिकी डॉलर की हो जाएगी।

 

सरकार ने पहले 2025 तक देश को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य तय किया था। नागेश्वरन ने हाल में एमसीसीआई के एक कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये संबोधित करते हुए कहा कि कैलेंडर वर्ष 2023 रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष की पृष्ठभूमि में शुरू हुआ, जिससे ‘भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक अनिश्चितताएं पैदा होंगी।’’

उन्होंने कहा कि महामारी के दो साल बाद चीन में प्रतिबंधों का खत्म होना भी विश्व अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा। इसके अलावा तेल और जिंसों की कीमतों में गिरावट तथा अमेरिका और यूरोप की उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में वृद्धि का रुख भी देखा जा सकता है। इसका असर बाकी दुनिया पर भी पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि 2022-23 के अंत में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) मौजूदा मूल्य पर 3,500 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा। नागेश्वरन ने कहा, ‘‘अगले सात साल में भारतीय अर्थव्यवस्था 7,000 अरब डॉलर की हो जाएगी, जो असंभव नहीं है।’’

सीईए ने यह भी कहा कि सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है अमेरिका द्वारा 2024 या 2025 में अपनी ब्याज दरों को कम करना। इस असर भारतीय रुपये पर भी पड़ेगा। नागेश्वरन ने कहा कि मध्यम अवधि में वृद्धि आठ या नौ प्रतिशत की जगह 6.5 प्रतिशत रह सकती है। वर्ष 2003-2008 की दौरान इतनी ही वृद्धि देखी गई।

Web Title: Indian Economy CEA V Ananth Nageswaran said Expected grow USD 7000 billion next seven years reach USD 3500 billion end of 2022-23

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