कोविड-19 संकट के बीच खर्च में सतर्कता बरत रहे हैं भारतीय उपभोक्ता, सर्वे में शहरों से जुड़ी ये बातें भी आई सामने
By भाषा | Updated: July 23, 2020 14:18 IST2020-07-23T14:18:33+5:302020-07-23T14:18:33+5:30
कोरोना संकट ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डाला है। भारत में भी इसका असर पड़ा है। लोगों ने अपने रोजमर्रा के खर्चों में भी कटौती है। ये बात एक सर्वे से सामने आई है।

खर्च में सतर्कता बरत रहे हैं भारतीय उपभोक्ता (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली: कोविड-19 संकट के बीच भारतीय उपभोक्ता खर्च में सतर्कता बरत रहे हैं। परामर्शक कंपनी केपीएमजी के एक सर्वे में यह निष्कर्ष निकाला गया है। सर्वे में शामिल 78 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्होंने अपने विवेकाधीन खर्च में कटौती की है।
केपीएमजी इंडिया की रिपोर्ट ‘‘टाइम टू ओपन माई वॉलेट और नॉट?’’ में कहा गया है कि दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों के उपभोक्ता पहली श्रेणी के शहरों की तुलना में अपनी खर्च करने की आदत को लेकर दोगुना अधिक आशान्वित हैं। सर्वे का एक खास तथ्य यह है कि 51 प्रतिशत लोगों का मानना है कि कोविड-19 का प्रभाव अधिक समय तक नहीं रहेगा और चीजें जल्द सामान्य हो जाएंगी।
केपीएमजी इंडिया के भागीदार और प्रमुख (उपभोक्ता बाजार और इंटरनेट कारोबार) हर्ष राजदान ने कहा, ‘हमारे अध्ययन से संकेत मिलता है कि दूसरी श्रेणी के शहरों में 22 प्रतिशत उपभोक्ता और तीसरी श्रेणी के शहरों में 30 प्रतिशत उपभोक्ता मानते हैं कि या तो खर्च में बढ़ोतरी होगी या यह कोविड-19 के पूर्व के स्तर पर रहेगा। ऐसे में खुदरा कंपनियों को इन शहरों में अपने विस्तार पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।’
सर्वे में शामिल 49 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे अगले तीन माह के दौरान विभिन्न श्रेणियों में 5,000 रुपये तक खर्च करेंगे। सर्वे में शामिल 78 प्रतिशत लोगों का कहना था कि उन्होंने अपने खर्च में कटौती की है। दूसरी और तीसरी श्रेणी के उपभोक्ता पहली श्रेणी के शहरों की तुलना में 1.9 गुना अधिक सकारात्मक हैं।