लाइव न्यूज़ :

भारत को और सुधारों की जरूरत, राज्यों को आगे आना चाहिए: कांत

By भाषा | Updated: December 8, 2020 16:38 IST

Open in App

नयी दिल्ली, आठ दिसंबर नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने मंगलवार को कहा कि भारत में ‘कुछ ज्यादा ही लोकतंत्र है’ जिसके कारण यहां कड़े सुधारों को लागू करना कठिन होता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिये और सुधारों की जरूरत है।

स्वराज्य पत्रिका के कार्यक्रम को वीडियो कांफ्रेन्स के जरिये संबोधित करते हुए कांत ने कहा कि पहली बार केंद्र ने खनन, कोयला, श्रम, कृषि समेत विभिन्न क्षेत्रों में कड़े सुधारों को आगे बढ़ाया है। अब राज्यों को सुधारों के अगले चरण को आगे बढ़ाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत के संदर्भ में कड़े सुधारों को लागू करना बहुत मुश्किल है। इसकी वजह यह है कि भारत में लोकतंत्र कुछ ज्यादा ही हो जाता है ... आपको इन सुधारों (खनन, कोयला, श्रम, कृषि) को आगे बढ़ाने के लिये राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है और अभी भी कई सुधार हैं, जिसे आगे बढ़ाने की जरूरत है।’’

कांत ने कहा, ‘‘इस सरकार ने कड़े सुधारों को लागू करने के लिये राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखायी है।’’

उन्होंने यह भी कहा कि कड़े सुधारों के बिना चीन से प्रतिस्पर्धा करना आसान नहीं है।

नीति आयोग के सीईओ ने इस बात पर जोर दिया कि अगले दौर का सुधार अब राज्यों की तरफ से से होना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर 10-12 राज्य उच्च दर से वृद्धि करेंगे, तब इसका कोई कारण नहीं कि भारत उच्चदर से विकास नहीं करेंगा। हमने केंद्र शासित प्रदेशों से वितरण कंपनियों के निजीकरण के लिये कहा है। वितरण कंपनियों को अधिक प्रतिस्पर्धी होना चाहिए और सस्ती बिजली उपलब्ध करानी चाहिए।’’

मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा के किसानों के नये कृषि कानूनों को लेकर विरोध-प्रदर्शन से जुड़े सवाल के जवाब में कांत ने कहा कि कृषि क्षेत्र को सुधार की जरूरत है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह समझना जरूरी है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व्यवस्था बनी रहेगी, मंडियों में जैसे काम होता है, होता रहेगा.. किसानों के पास अपनी रूचि के हिसाब से अपनी उपज बेचने का विकल्प होना चाहिए क्योंकि इससे उन्हें लाभ होगा।

भारत में इलेक्ट्रिक बैटरियों के विनिर्माण के लिये कच्चे माल की खरीद के बारे में कांत ने कहा कि लिथियम (बैटरी के विनिर्माण में उपयोग होने वाला) की उपलब्धता आस्ट्रेलिया समेत पूरी दुनिया में है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें लिथियम की कमी की कोई आशंका नहीं है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतMaharashtra Civic Polls 2025: शिंदे गुट के ओम प्रकाश खुर्सादय की प्रचंड जीत, बोले- 'हमसे कई ज्यादा जनता की जीत'

भारतVIDEO: रामदेव ने मीडिया के मंच पर ही पत्रकार को कुश्ती के लिए किया चैलेंज, फिर दे डाली दी पटकनी, देखें

भारतलियोनेल मेस्सी को अपने इंडिया टूर के लिए कितने पैसे मिले? ऑर्गनाइज़र ने खर्च का दिया ब्यौरा

भारतMaharashtra Civic Polls 2025: तुकाराम म्हात्रे ने बदलापुर के दानापुर वार्ड नंबर 1 में स्पष्ट जीत हासिल की, पार्टी कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न

भारतMaharashtra Civic Polls Results: महायुति प्रचंड जीत की ओर, बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, BMC चुनाव के लिए भी मंच तैयार ?

कारोबार अधिक खबरें

कारोबारनागपुर नगर निगम चुनावः अगला महापौर भाजपा से हो, नितिन गडकरी ने कहा-विकास कार्य केवल एक ट्रेलर, "फिल्म अभी शुरू होनी बाकी है"

कारोबारPetrol, Diesel Price Today: आज के ईंधन के दाम: दिल्ली, मुंबई से लेकर पटना तक; जानें अपने शहर में पेट्रोल-डीजल के ताजा रेट

कारोबारPost Office Scheme: 1000 हजार रुपये से शुरू करें पोस्ट ऑफिस की ये स्कीम, 5 साल बाद मिलेगा 4 लाख का निवेश; जानें कैसे मिलेगा फायदा

कारोबारअब UPI और ATM से निकाल सकेंगे PF का पैसा, जानें तरीका और इसके फायदे

कारोबारखरीफ के लिए 425 करोड़ रुपए, किसानों से दलहन-तिलहन उपार्जन की केन्द्र ने दी स्वीकृति