नयी दिल्ली, 10 नवंबर चीनी मिलों ने मौजूदा विपणन वर्ष के अंतिम 40 दिनों में 2.76 लाख टन चीनी का निर्यात किया है जिसमें अधिकतम निर्यात संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को किया गया। व्यापार निकाय एआईएसटीए ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अखिल भारतीय चीनी व्यापार संघ (एआईएसटीए) ने एक बयान में कहा कि 1.44 लाख टन से अधिक चीनी लदान की प्रक्रिया में है।
इसमें कहा गया है कि चीनी मिलों ने वर्ष 2021-22 के विपणन वर्ष में अब तक बिना सरकारी सब्सिडी के 18 लाख टन चीनी निर्यात करने का अनुबंध किया है।
चीनी विपणन वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक चलता है। इस साल चीनी का निर्यात बिना सरकारी सब्सिडी के किया जा रहा है।
एआईएसटीए के अनुसार, चीनी मिलों ने एक अक्टूबर से नौ नवंबर, 2021 तक कुल 2,76,676 टन चीनी का निर्यात किया है।
अब तक किए गए कुल निर्यात में से, सबसे अधिक 1.08 लाख टन चीनी का निर्यात, संयुक्त अरब अमीरात को हुआ है। इसके बाद बांग्लादेश को 52,330 टन, सोमालिया को 24,960 टन और ईरान को 22,646 टन चीनी का निर्यात किया गया है।
एआईएसटीए ने कहा, ‘‘चीनी मिलों के शुरू होने में देरी के कारण 18 लाख टन चीनी के अनुबंध के बावजूद कच्ची चीनी का निर्यात धीमा है।’’
निर्यात ज्यादातर महाराष्ट्र और कर्नाटक की चीनी मिलों से हो रहा है। व्यापार निकाय ने कहा कि श्रीलंका में विदेशी मुद्रा की कठिनाइयां होने के बावजूद वहां 18,290 टन चीनी का निर्यात हुआ।
इसमें कहा गया है कि उत्तर भारत और बिहार में चीनी की मौजूदा कीमत 35,500-37,500 रुपये प्रति टन हैं। इसलिए उत्तर भारत में चीनी मिलों द्वारा निर्यात की जाने वाली चीनी की मात्रा नगण्य है।
विपणन वर्ष 2020-21 के दौरान, भारत ने रिकॉर्ड 72.3 लाख टन चीनी का निर्यात किया था। इसमें से सबसे ज्यादा निर्यात सरकारी सब्सिडी की मदद से किया गया थे।
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