कोविड जैसे संकट का मुकाबला करने के लिए स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार, वैश्विक सहयोग जरूरी: गोपीनाथ

By भाषा | Updated: January 28, 2021 13:10 IST2021-01-28T13:10:56+5:302021-01-28T13:10:56+5:30

Improving health system to counter crisis like Kovid, global cooperation is necessary: Gopinath | कोविड जैसे संकट का मुकाबला करने के लिए स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार, वैश्विक सहयोग जरूरी: गोपीनाथ

कोविड जैसे संकट का मुकाबला करने के लिए स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार, वैश्विक सहयोग जरूरी: गोपीनाथ

(ललित के झा)

वाशिंगटन, 28 जनवरी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि भविष्य में कोरोना वायरस महामारी जैसे संकट का अच्छी तरह मुकाबला करने के लिए देशों को अपनी स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत बनाने पर काम करना चाहिए और समाज के प्रभावित क्षेत्रों में समय पर मदद देने के लिए तैयार रहना चाहिए और साथ ही वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए।

आईएमएफ का अनुमान है कि कोविड-19 महामारी के प्रकोप से उबरते हुए 2021 में वैश्विक अर्थव्यवस्था 5.5 प्रतिशत की दर से और 2022 में 5.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। ये आंकड़े वैक्सीन के आने के बाद कारोबारी गतिविधियों में बढ़ोतरी को दर्शाते हैं।

गोपीनाथ ने पीटीआई-भाषा को बताया कि कोविड-19 संकट से तीन मुख्य सबक सीखे जा सकते हैं।

उन्होंने बताया, ‘‘सबसे पहले, देशों को ऐसे किसी भी स्वास्थ्य संकट के लिए अपनी स्वास्थ्य प्रणाली को तैयार करना चाहिए। कई विकासशील देश हैं, जिन्हें अपने स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में अतिरिक्त निवेश की जरुरत है। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण सबक है।’’

गोपीनाथ ने आगे कहा, ‘‘दूसरा सबक संकटगस्त परिवारों, व्यवसायों को समय पर मदद पहुंचाने का है। हम जानते हैं कि जब सुधार की शुरुआत हुई, तो ये मजबूत तभी होगी जब सबसे अधिक संकटग्रस्त लोगों से इसे समर्थन मिली, यानी उनकी स्थिति में सुधार हो।’’

उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर जोर देते हुए कहा, ‘‘यह सुनिश्चित करना चाहिए कि स्वास्थ्य संकट को खत्म करने के लिए जरूरी टीकाकरण और उपचार विश्व स्तर पर उपलब्ध हों, क्योंकि इसके बिना हम इस संकट से नहीं निकल पाएंगे।’’

उन्होंने का कि इस संकट का मिलकर मुकाबला करने की जरूरत है।

गोपीनाथ ने कहा कि कई देशों ने नीतिगत समर्थन दिया है और इसमें से ज्यादातर विकसित अर्थव्यवस्थाएं हैं।

उन्होंने कहा कि विकसित अर्थव्यवस्थाओं ने 2020 में अपने सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 24 प्रतिशत राजकोषीय समर्थन प्रदान किया है और उभरते बाजार और मध्यम आय वाले देशों में यह आंकड़ा लगभग छह प्रतिशत है, जबकि निम्न आय वाले देशों के लिए यह आंकड़ा दो प्रतिशत से कम है।

इसबीच आईएमएफ ने एक रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि कोविड-19 वैक्सीन के असमान वितरण से वित्तीय जोखिम बढ़ने की आशंका है।

आईएमएफ ने बुधवार को जारी वैश्विक वित्तीय स्थिरता सूचना में बताया कि जब तक कोरोना वायरस के टीके व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं होते, तब तक बाजार में तेजी राजकोषीय समर्थन टिकी रहेगी।

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