सीपीओ की तरह पाम स्टीयरिन पर आयात शुल्क बढ़ाया जाये: एसईए

By भाषा | Updated: March 22, 2021 20:33 IST2021-03-22T20:33:51+5:302021-03-22T20:33:51+5:30

Import duty on palm stearin to be increased like CPO: SEA | सीपीओ की तरह पाम स्टीयरिन पर आयात शुल्क बढ़ाया जाये: एसईए

सीपीओ की तरह पाम स्टीयरिन पर आयात शुल्क बढ़ाया जाये: एसईए

नयी दिल्ली, 22 मार्च खाद्य तेल उद्योग के प्रमुख संगठन साल्वेंट एक्स्ट्रैटर्स एसोसिएशन (एसईए) ने सोमवार को सरकार से पाम तेल (सीपीओ) की ही तरह पाम स्टीयरिन (ठोस वसा) पर 35.75 प्रतिशत का आयात शुल्क लगाने का आग्रह किया ताकि घरेलू पाम रिफाइनिंग और ओलियोकेमिकल्स उद्योग को संरक्षित किया जा सके।

पाम स्टीयरिन, सीपीओ का सह-उत्पाद है जिसका उपयोग खाद्य उद्योग में वनस्पति और मार्जरीन शॉर्टनिंग जैसे बेकरी वसा उत्पाद बनाने में किया जाता है। इसका उपयोग सौंदर्य प्रसाधन और व्यक्तिगत देखभाल उद्योग में भी किया जाता है।

मुंबई स्थित सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी ने एक बयान में कहा, जब सीपीओ के पाम स्टीयरिन और अन्य सह-उत्पादों के आयात को शून्य शुल्क पर अनुमति दी गई है, लेकिन घरेलू कंपनियां भी आयातित सीपीओ से इन्हीं उत्पादों का निर्माण कर रही हैं।

घरेलू कंपनियां 35.75 प्रतिशत का सीमा शुल्क और साथ ही कृषि उपकर का भुगतान करते हुए सीपीओ का आयात करती हैं।

चतुर्वेदी ने कहा कि यह प्रतिकूल शुल्क ढांचे (इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर) के कारण घरेलू पाम रिफाइनिंग और ओलियोकेमिकल उद्योग दोनों ही प्रभावित हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि "इन उत्पादों के शून्य शुल्क पर आयात करने की छूट के कारण, हमारे पाम ऑयल रिफाइनिंग उद्योग स्टेयरिन और पाम फैटी एसिड डिस्टिलेट (पीएफएडी) जैसे अपने सह-उत्पादों को काफी कम कीमत पर बेचने को बाध्य होते हैं।

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Web Title: Import duty on palm stearin to be increased like CPO: SEA

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