नई दिल्ली: चालू वित्त वर्ष 2021-22 जल्द खत्म होने वाला है। ऐसे में अब आपको टैक्स बचाने के लिए कुछ करने की जरूरत तो होगी ही। इसी क्रम में मान लीजिए आपने टैक्स बचाने के लिए इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये की अधिकतम सीमा का पूरा इस्तेमाल कर लिया है तो भी आप सेक्शन 80डी के तहत टैक्स छूट का फायदा उठा सकते हैं।
बता दें कि आयकर की धारा 80डी के तहत स्वास्थ्य बीमा योजना के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर अतिरिक्त कर लाभ उपलब्ध है। इस प्रोविशन के प्रावधानों के माध्यम से आप अपने माता-पिता और खुद के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर एक लाख रुपये तक की कर छूट का दावा कर सकते हैं। 60 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर 25,000 रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है।
60 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों के लिए यह सीमा 50,000 रुपये है। ऐसे में अगर कोई टैक्स पेयर (जो 60 वर्ष से कम आयु का है) उसने खुद व अपने पेरेंट्स (जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक है) के लिए स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी खरीदी है, तो वो टैक्स पेयर प्रीमियम पर 75,000 रुपये तक की बचत कर सकता है।
यही नहीं, अगर टैक्स पेयर 60 वर्ष से अधिक आयु का है, तो वह अपने और अपने माता-पिता के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर एक लाख रुपये तक बचा सकता है। सेक्शन 80डी के तहत इंडिविजुअल पॉलिसी या मेडिक्लेम, फैमिली फ्लोटर प्लान, क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी, लाइफ इंश्योरेंस प्लान के हेल्थ राइडर्स और हेल्थ इंश्योरेंस के अन्य वेरिएंट हेल्थ कवर प्लान पर टैक्स बेनिफिट का लाभ उठा सकते हैं। हालांकि जानकारों का मानना है कि हेल्थ इंश्योरेंस प्लान सिर्फ टैक्स बेनिफिट्स की वजह से नहीं खरीदना चाहिए, बल्कि इन पॉलिसियों के फायदे और भी बड़े होने चाहिए।
डीएनए की रिपोर्ट के अनुसार, जानकारों का कहना है कि स्वास्थ्य पर खर्च लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में अस्पताल में भर्ती होना बहुत महंगा साबित हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के जरिए इसके लिए पर्याप्त कवर लिया जाए। यह महत्वपूर्ण अवसरों के दौरान आपकी सारी बचत नहीं लेगा। साथ ही, कर्ज लेने की जरूरत भी नहीं है। इस तरह अपने पूरे परिवार के लिए पर्याप्त हेल्थ कवरेज ले सकते हैं।