उच्च न्यायालय ने जीएम सोया खल आयात की अनुमति देने वाली अधिसूचना पर केंद्र से जवाब मांगा
By भाषा | Updated: September 10, 2021 22:20 IST2021-09-10T22:20:12+5:302021-09-10T22:20:12+5:30

उच्च न्यायालय ने जीएम सोया खल आयात की अनुमति देने वाली अधिसूचना पर केंद्र से जवाब मांगा
नयी दिल्ली, 10 सितंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने आनुवंशिक रूप से संशोधित तेल रहित सोया खल का कुक्कट पालन में इस्तेमाल के वास्ते आयात करने की अनुमति देने वाली अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर केन्द्र से जवाब तलब किया है।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया लेकिन 24 अगस्त की इस अधिसूचना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
अदालत ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 22 अक्टूबर को सूचीबद्ध किया है।
याची दत्तागुरू फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटिड ने कहा कि वह सोयाबीन का उत्पादन करने वाले दो हजार से अधिक किसानों का प्रतिनिधित्व कर रही है। उसका कहना है कि जेनेटिक इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति (जीईएसी) की मंजूरी के बिना इस आयात की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि सोयाबीन का उत्पादन करने वाले किसानों और खाद्य श्रृंखला में आनुवंशिक रूप से संशोधित सोया खल उत्पाद की शुरूआत को लेकर शंका-आशंकायें बढ़ रही हैं।
केंद्र ने 24 अगस्त को 12 लाख टन आनुवंशिक रूप से संशोधित पिसी व तेल रहित सोया खल के आयात के मानदंडों में ढील दी थी। इस खल का इस्तेमाल मुर्गी फार्म और मवेशियों के भोजन के रुप में किया जाता है।
वाणिज्य मंत्रालय ने कहा था कि इस कदम से किसानों, मुर्गीपालकों और मछुआरों को बड़े पैमाने पर राहत मिलेगी। मंत्रालय ने पर्यावरण मंत्रालय से मिली अनुमति और स्पष्टीकरण के बाद ही इस अयात की अनुमति दी थी। पर्यावरण मंत्रालय ने कहा था कि तेल रहित सोया खल में कोई जीवित संशोधित एन्द्रिक रचना नहीं होती है इसलिये उसे ऐसे आयात पर कोई आपत्ति नहीं है।
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