नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार माल एवं सेवा कर (जीएसटी) स्लैब में किसी प्रकार का बदलाव नहीं करने वाली है। केंद्र ने सोमवार को जीएसटी परिषद से संबंधित मीडिया रिपोर्टों को पांच प्रतिशत से बढ़ाकर आठ प्रतिशत करने की योजना का स्पष्ट रूप से खंडन किया है।
मोदी सरकार के सूत्रों ने इस खबर को अटकलें और इसमें कोई सच्चाई नहीं होने के कारण खारिज कर दिया। वर्तमान में, जीएसटी में 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की चार स्तरीय स्लैब संरचना है। हालांकि सोने और सोने के आभूषणों पर तीन प्रतिशत का कर लगता है।
मीडिया में ऐसी खबरें आई थीं कि जीएसटी परिषद कुछ गैर-खाद्य वस्तुओं को तीन प्रतिशत के स्लैब में ले जाकर छूट प्राप्त वस्तुओं की सूची में कटौती कर सकती है। पिछले साल जीएसटी परिषद ने दरों को युक्तिसंगत बनाने पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता में मंत्रियों के एक समूह का गठन किया था।
पैनल में पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा, केरल के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल और बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद शामिल थे।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, मंत्रियों के समूह ने अभी भी दरों को युक्तिसंगत बनाने पर अपनी रिपोर्ट तैयार नहीं की है और इसे अभी परिषद को प्रस्तुत किया जाना है। साथ ही, अगली बैठक की तारीख भी निर्धारित नहीं की गई है।
जीएसटी परिषद की अध्यक्ष वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वर्तमान में आईएमएफ और जी -20 की बैठकों में भाग लेने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में हैं। पिछली जीएसटी परिषद की बैठक पिछले साल 31 दिसंबर को हुई थी।