भारत में है गेहूं का पर्याप्त स्टॉक, बाहर से आयात करने की कोई योजना नहीं, केंद्र ने की पुष्टि
By रुस्तम राणा | Published: August 21, 2022 02:15 PM2022-08-21T14:15:23+5:302022-08-21T14:17:27+5:30
खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने 21 अगस्त को पुष्टि की है कि सरकार विदेशों से गेहूं आयात करने की योजना नहीं बना रही है। विभाग की ओर से यह भी कहा गया है कि भारत के पास घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त स्टॉक है।
नई दिल्ली: भारत सरकार के पास गेहूं का पर्याप्त भंडार है, जिसके चलते केंद्र की ऐसी कोई योजना नहीं है जिससे गेहूं बाहर से आयात किया जाए। रविवार को केंद्र ने इसकी पुष्टि की है और उन रिपोर्टों का खंडन किया है जिसमें यह कहा जा रहा था कि भारत दूसरे देशों से गेहूं आयात कर सकता है।
खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने 21 अगस्त को पुष्टि की है कि सरकार विदेशों से गेहूं आयात करने की योजना नहीं बना रही है। विभाग की ओर से यह भी कहा गया है कि भारत के पास घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त स्टॉक है।
न्यूज़ वेबसाइट की एक रिपोर्ट के बाद सरकार की ओर से पुष्टि की गई जिसमें - भारतीय खाद्य निगम का हवाला देते हुए कहा गया कि अगस्त में गेहूं का भंडार 14 वर्षों में महीने के सबसे निचले स्तर पर आ गया है, जबकि गेहूं की मुद्रास्फीति 12% के करीब चल रही है।
इसके अलावा, ऐसी अटकलें थीं कि भारत रिकॉर्ड तोड़ गर्मी की लहर के प्रभाव के रूप में गेहूं के आयात पर विचार कर सकता है। दरअसल, रिकॉर्ड गर्मी के परिणामस्वरूप उत्पादन में कटौती हुई है और स्थानीय कीमतों में वृद्धि हुई है। यहां तक की भारत सरकार ने गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध भी लगा दिया था।
रविवार को केंद्र के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने ट्वीट किया जिसमें लिखा, भारत में गेहूं आयात करने की ऐसी कोई योजना नहीं है। हमारी घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए देश के पास पर्याप्त स्टॉक है और एफसीआई के पास सार्वजनिक वितरण के लिए पर्याप्त स्टॉक है।
There is no such plan to import wheat into India. Country has sufficient stocks to meet our domestic requirements and @FCI_India has enough stock for pubic distribution.
— Department of Food & Public Distribution (@fooddeptgoi) August 21, 2022
इससे पहले न्यूज आउटलेट की रिपोर्ट में बताया गया कि अधिकारी विदेशों से गेहूं खरीदने पर विचार कर रहे हैं और मौजूदा स्थिति का हवाला दिया, जिसमें कमी और बढ़ती कीमतें शामिल हैं।