सरकार ने 50 रुपए किलो से कम भाव वाले सेब के आयात पर लगाई पाबंदी, भारत में बढ़ा है इन देशों का इंपोर्ट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 9, 2023 08:53 IST2023-05-09T08:02:53+5:302023-05-09T08:53:01+5:30
विदेश व्यापार महानिदेशालय ने एक अधिसूचना में कहा है कि ‘‘अगर सीआईएफ (लागत, बीमा, माल ढुलाई) आयात कीमत 50 रुपए किलो से कम है तो सेब के आयात पर पाबंदी होगी।’’

फोटो सोर्स: ANI (प्रतिकात्मक फोटो)
नई दिल्ली: सरकार ने सोमवार को सेब आयात पर शर्तें लगा दी है। इसके तहत 50 रुपए किलो से कम के भाव पर सेब का आयात नहीं किया जा सकेगा। विदेश व्यापार महानिदेशालय ने एक अधिसूचना में कहा कि अगर कीमत 50 रुपए किलो से अधिक है तो आयात की अनुमति होगी। अधिसूचना के अनुसार, ‘‘अगर सीआईएफ (लागत, बीमा, माल ढुलाई) आयात कीमत 50 रुपए किलो से कम है तो सेब के आयात पर पाबंदी होगी।’’
न्यूनतम आयात मूल्य की शर्त भूटान पर नहीं होगा लागू
बता दें कि न्यूनतम आयात मूल्य की शर्त भूटान से होने वाले आयात पर लागू नहीं होगी। भारत को सेब निर्यात करने वाले मुख्य देशों में अमेरिका, ईरान, ब्राजील, संयुक्त अरब अमीरात, अफगानिस्तान, फ्रांस, बेल्जियम, चिली, इटली, तुर्की, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और पोलैंड शामिल हैं।
दक्षिण अफ्रीका से आयात 2022-23 के अप्रैल-फरवरी में 84.8 प्रतिशत बढ़कर 1.85 करोड़ टन रहा। इसी प्रकार, पोलैंड से आयात इस दौरान 83.36 प्रतिशत बढ़कर 1.53 करोड़ टन रहा। हालांकि, अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, फ्रांस और अफगानिस्तान से आयात में कमी आई।
प्रतिकिलो न्यूनतम 50 रुपए आयात मूल्य तय होने पर होगा भारतीय बागवानों को लाभ
भारत सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश, कश्मीर और उत्तराखंड के सेब बागवानों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। सरकार ने सेब पर न्यूनतम आयात मूल्य 50 रुपये प्रतिकिलो तय किया है। इससे देश के सेब बागवानों को फायदा पहुंचने वाला है। इस पर बोलते हुए संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान और संजय चौहान ने बताया है कि विदेश से आने वाले सेब के कारण देश के खास कर हिमाचल प्रदेश के बागवानों को काफी नुकसान होता था।
उनके अनुसार, ईरान से आने वाले सेब की कीमत 20 से 25 रुपए होती थी जो कुछ शुल्क लागू होने के बाद वह 30 रुपए प्रति किलो बाजार में पहुंचता था। ऐसे में अब प्रतिकिलो न्यूनतम 50 रुपए आयात मूल्य तय होने के बाद इन ईरानी सेबों की कीमत 70 से 75 रुपए हो जाएगी। इससे भारतीय खास कर हिमाचल प्रदेश के बागवानों को काफी लाघ होगा, वे सही दाम पर अपना सेब बेच पाएंगे।
भाषा इनपुट के साथ