फॉस्फेटिक और पोटाश के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने को एनबीएस नीति में बदलाव करेगी सरकार
By भाषा | Updated: December 25, 2021 14:31 IST2021-12-25T14:31:42+5:302021-12-25T14:31:42+5:30

फॉस्फेटिक और पोटाश के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने को एनबीएस नीति में बदलाव करेगी सरकार
नयी दिल्ली, 25 दिसंबर फॉस्फेटिक और पोटाश (पीएंडके) उर्वरकों की वैश्विक कीमतों में तेज वृद्धि के बीच इनके घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने मौजूदा पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) नीति में फेरबदल करने का शनिवार को फैसला किया।
केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक बैठक में, फॉस्फेटिक और पोटाश उर्वरकों के उत्पादन के लिए घरेलू उद्योग को समर्थन जारी रखने और देश में इन उर्वरकों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए वर्तमान की एनबीएस नीति में अतिरिक्त प्रावधानों का प्रस्ताव करने का निर्णय लिया गया।
इसमें कहा गया कि यह फैसला इन उर्वरकों के घरेलू उत्पादन की क्षमता का पूरा लाभ उठाने में मददगार होगा और इससे ‘आत्मनिर्भर भारत’ को भी बढ़ावा मिलेगा।
अप्रैल 2010 में लागू एनबीएस नीति के तहत फॉस्फेटिक और पोटाश उर्वरकों के लिए उनके पोषण तत्व के आधार पर प्रति वर्ष एक तय राशि की सब्सिडी दी जाती है। हालांकि चालू वित्त वर्ष 2020-2021 में सरकार ने इन उर्वरकों के लिए एनबीएस दरें दो बार अधिसूचित कीं ताकि इनकी घरेलू कीमतों को किसानों के लिए किफायती बनाया जा सके और इनकी पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।
घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भारत इन उर्वरकों का आयात करता है। इस वर्ष की शुरुआत से इन उर्वरकों की वैश्विक कीमतें लगातार बढ़ रही हैं।
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