सरकार ने चने पर आयात शुल्क बढ़ाकर 60 फीसदी किया

By IANS | Updated: March 2, 2018 19:20 IST2018-03-02T19:20:11+5:302018-03-02T19:20:11+5:30

केंद्रीय वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले राजस्व विभाग की ओर से गुरुवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक, चने पर आयात शुल्क 50 फीसदी से बढ़ाकर 60 फीसदी कर दिया गया है।

Government raises import duty on gram to 60 percent | सरकार ने चने पर आयात शुल्क बढ़ाकर 60 फीसदी किया

सरकार ने चने पर आयात शुल्क बढ़ाकर 60 फीसदी किया

नई दिल्ली, 2 मार्च: देश में चने के रिकॉर्ड उत्पादन को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने इसके आयात पर फिर शुल्क बढ़ाकर 60 फीसदी कर दिया है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले राजस्व विभाग की ओर से गुरुवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक, चने पर आयात शुल्क 50 फीसदी से बढ़ाकर 60 फीसदी कर दिया गया है। इससे पहले फरवरी के पहले सप्ताह में सरकार ने चना पर आयात शुल्क 30 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया था। बढ़ा हुआ आयात शुल्क एक मार्च 2018 से लागू है। 

गौरतलब है कि देश में चने की बोआई में किसानों की दिलचस्पी लेने और विदेशों से सस्ता आयात होने से घरेलू कीमतों में भारी गिरावट को देखते हुए दिसंबर 2017 में भारत सरकार ने चने के आयात पर 30 फीसदी शुल्क लगा दिया था। 

इस साल देश में चने का रकबा 1.07 करोड़ हेक्टेयर है, जोकि पिछले फसल वर्ष 2016-17 के 99.54 लाख हेक्टेयर से 8.13 फीसदी ज्यादा है। 

केंद्रीय कृषि मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी फसल वर्ष 2017-18 (जुलाई-जून) के दूसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के मुताबिक देश में चने का रिकॉर्ड उत्पादन 1.11 करोड़ टन होने का आकलन किया गया है, जोकि पिछले साल से 18.33 फीसदी अधिक है। पिछले साल देश में चने का उत्पादन 93.8 लाख टन हुआ था, जबकि पिछला रिकॉर्ड उत्पादन 2013-14 का 95.3 लाख टन है।

केंद्र सरकार ने पाम तेल पर आयात शुल्क बढ़ाया

केंद्र सरकार ने खाद्य तेल का आयात कम करने के मकसद से पाम तेल पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है। वित्त मंत्रालय के अधीन राजस्व विभाग की ओर से गुरुवार को जारी एक अधिसूचना के मुताबिक, कच्चे पाम तेल (सीपीओ) पर आयात शुल्क 30 फीसदी से बढ़ाकर 44 फीसदी कर दिया गया है। वहीं, रिफाइंड पाम तेल पर आयात शुल्क 40 फीसदी से बढ़ाकर 54 फीसदी कर दिया गया है। 

भारत पाम तेल का आयात प्रमुख रूप से इंडोनेशिया और मलेशिया से करता है, जबकि सोया तेल का आयात प्रमुख रूप से ब्राजील और अर्जेटीना से करता है। अन्य खाद्य तेल में कनोला का आयात प्रमुख रूप से कनाडा से होता है जबकि सूर्यमुखी तेल का आयात यूक्रेन से करता है। 

पाम तेल का भारत सबसे ज्यादा आयात करता है। मुंबई के एक तेल बाजार विश्लेषक ने बताया कि गर्मी आने पर पाम तेल का आयात बढ़ जाता है। ऐसे में आयात शुल्क बढ़ने से देश में पाम तेल की कीमतें बढ़ जाएंगी जिसका फायदा घरेलू तेल मिलों व तिलहन उत्पादकों को होगा। 

गुरुवार को कांडला बंदरगाह पर सीपीओ में 595 रुपये प्रति किलोग्राम और आरबीडी में 660 रुपये प्रति किलोग्राम पर कारोबार हुआ। कारोबारी सूत्रों के मुताबिक, 26 फरवरी को देश के प्रमुख बंदरगाहों पर आयातित सीपीओ का स्टॉक 2,62,704 टन था, जबकि रिफाइंड पाम तेल का स्टॉक 86,559 टन और सीपीकेओ का स्टॉक 3,730 टन था। वहीं, सूर्यमुखी तेल का स्टॉक 1,42,86 टन, सोया तेल का स्टॉक 95,323 टन और कनोला तेल का स्टॉक 6,792 टन था। 

गौरतलब है देसी खाद्य तेल उद्योग की ओर से विदेशों से तेल मंगाने पर सीमा लगाने को लेकर आयात शुल्क में बढ़ोतरी की मांग की जा रही थी।

Web Title: Government raises import duty on gram to 60 percent

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