नयी दिल्ली, 18 नवंबर सरकार ने प्रत्यक्ष कर विवाद समाधान योजना ‘विवाद से विश्वास’ के जरिये अब तक 72,480 करोड़ रुपये का कर जुटाया है।
सूत्रों ने बताया कि 17 नवंबर तक इस योजना के तहत 31,734 करोड़ रुपये की विवादित कर मांग से संबंधित कुल 45,855 घोषणाएं की गईं। योजना के तहत केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम भी कुल एक लाख करोड़ रुपये के विवादों का निपटान कर रहे हैं।
सरकार ने पिछले महीने विवाद से विश्वास योजना के तहत भुगतान की समयसीमा को तीसरी बार बढ़ाकर 31 मार्च, 2021 कर दिया है। हालांकि, इसके बार में घोषणा दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर, 2020 है।
सूत्रों ने बताया कि इस योजना के तहत विवादित कर मांग पर केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों तथा करदाताओं ने 72,480 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाया है। आयकर विभाग की उच्चस्तरीय बैठक में करदाताओं को इस योजना के बारे में जानकारी देने के लिए ई-अभियान शुरू करने का फैसला किया गया था।
इस योजना के तहत करदाताओं को विवादित कर, विवादित ब्याज और विवादित जुर्माने या शुल्क का निपटान करने के लिए 100 प्रतिशत विवादित कर और 25 प्रतिशत विवादित जुर्माने, ब्याज या शुल्क अदा करना पड़ता है।
प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास कानून, 2020 को 17 मार्च, 2020 को लागू किया गया था। इसका उद्देश्य विभिन्न अपीलीय मंचों में लंबित प्रत्यक्ष कर विवादों का निपटान करना है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।