सरकार ने पूर्वोत्तर के छह राज्यों में बिजली पारेषण, वितरण परियोजना की संशोधित लागत को मंजूरी दी

By भाषा | Updated: December 16, 2020 17:36 IST2020-12-16T17:36:21+5:302020-12-16T17:36:21+5:30

Government approved revised cost of power transmission, distribution project in six states of Northeast | सरकार ने पूर्वोत्तर के छह राज्यों में बिजली पारेषण, वितरण परियोजना की संशोधित लागत को मंजूरी दी

सरकार ने पूर्वोत्तर के छह राज्यों में बिजली पारेषण, वितरण परियोजना की संशोधित लागत को मंजूरी दी

नयी दिल्ली, 16 दिसंबर केंद्र सरकार ने बुधवार को पूर्वोत्तर क्षेत्रीय विद्युत व्यवस्था सुधार परियोजना के लिये 6,700 करोड़ रुपये की संशोधित अनुमानित लागत को मंजूरी दे दी। इस परियोजना का मकसद उस क्षेत्र के छह राज्यों में अंतरराज्‍यीय पारेषण एवं वितरण व्‍यवस्‍था को सुदृढ़ बनाना है।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने पूर्वोत्तर क्षेत्रीय विद्युत व्‍यवस्‍था सुधार परियोजना (एनईआरपीएसआईपी) के लिये लागत के संशोधित अनुमान (आरसीई) को मंजूरी दे दी। इसकी अनुमानित लागत 6,700 करोड़ रुपये है।’’

अंतरराज्‍यीय पारेषण एवं वितरण व्‍यवस्‍था को सुदृढ़ बनाकर पूर्वोत्तर क्षेत्र के आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने की दिशा में यह एक प्रमुख कदम है।

यह योजना बिजली मंत्रालय के तहत आने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम पावर ग्रिड के जरिये पूर्वोत्तर के छह राज्यों - असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड और त्रिपुरा - के सहयोग से लागू की जाएगी। इसे दिसंबर 2021 में चालू किए जाने का लक्ष्‍य है।

योजना चालू होने के बाद संबंधित पूर्वोत्तर राज्यों की बिजली वितरण कंपनियां इसकी जिम्मेदारी संभालेंगी और रखरखाव करेंगी।

इस योजना का मुख्‍य उद्देश्‍य पूर्वोत्तर क्षेत्र के समूचे आर्थिक विकास और इस क्षेत्र में अंतरराज्‍यीय पारेषण एवं वितरण संरचना को मजबूत बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को पूरा करना है।

बयान के अनुसार इस योजना के लागू होने के बाद एक भरोसेमंद पावर ग्रिड बनाई जा सकेगी और पूर्वोत्तर राज्‍यों की भावी विद्युत भार केन्‍द्रों (लोड सेंटरों) तक संपर्क और पहुंच में सुधार होगा। इससे पूर्वोत्तर क्षेत्र के सभी श्रेणी के उपभोक्‍ताओं तक ग्रिड से जुड़ी बिजली की पहुंच का लाभ सुनिश्चित किया जा सकेगा।

इस योजना से इन राज्‍यों में प्रति व्‍यक्ति बिजली खपत में वृद्धि होगी और इस तरह पूर्वोत्तर क्षेत्र के समूचे आर्थिक विकास में योगदान दिया जा सकेगा।

इस परियोजना को बिजली मंत्रालय की केन्‍द्रीय क्षेत्र योजना के तहत पहली बार दिसंबर 2014 में मंजूरी दी गयी थी और इसके लिए विश्‍व बैंक से सहायता प्राप्‍त हुई है।

योजना के लिये सरकार और विश्वबैंक ने 50-50 प्रतिशत के अनुपात में योगदान दिया है। लेकिन इसमें क्षमता निर्माण पर होने वाला 89 करोड़ रुपये का खर्च का वहन केंद्र सरकार करेगी।

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Web Title: Government approved revised cost of power transmission, distribution project in six states of Northeast

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