नए साल में भी बनी रहेगी सोने की चमक, 63,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है दाम

By भाषा | Updated: December 27, 2020 17:00 IST2020-12-27T17:00:07+5:302020-12-27T17:00:07+5:30

Gold will remain bright in the new year, the price can reach Rs 63,000 per 10 grams | नए साल में भी बनी रहेगी सोने की चमक, 63,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है दाम

नए साल में भी बनी रहेगी सोने की चमक, 63,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है दाम

(सुकन्या महापात्र)

मुंबई, 27 दिसंबर सोना हमेशा ही अनिश्चित समय में सुरक्षित निवेश माना गया है। यही वजह है कि कोरोना वायरस महामारी के अनिश्चित दौर में सोना नई ऊंचाईयों पर पहुंचा। बहाहरल, अमेरिकी डॉलर में कमजोरी और नये प्रोत्साहन उपायों की उम्मीद के बीच 2021 में भी सोना 63,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंचने का अनुमान विशेषज्ञों ने व्यक्त किया है।

वर्ष 2020 में कोरोना वायरस महामारी के चलते आर्थिक और सामाजिक अनिश्चितताओं के कारण सोना निवेश का एक सुरक्षित विकल्प बनकर उभरा।

इस पीली धातु की कीमत अगस्त में एमसीएक्स पर 56,191 रुपये प्रति 10 ग्राम और अंतरराष्ट्रीय बाजार में 2,075 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई थी।

वैश्विक मौद्रिक नीतियों में तेज बदलाव के तहत 2019 के मध्य में कम ब्याज दर और अभूतपूर्व तरलता का दौर शुरू हुआ, जिसने सोने की कीमत को बढ़ावा दिया और निवेशकों का रुझान इसकी ओर बढ़ता गया।

कमट्रेंडज़ रिस्क मैनेजमेंट सर्विसेज के सीईओ ज्ञानशंकर त्यागराजन ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘इस साल की शुरुआत में (सोने की कीमत) 39,100 रुपये प्रति 10 ग्राम और 1,517 अमरीकी डालर प्रति औंस के साथ हुई। महामारी को लेकर शुरुआती झटका अल्पकालिक रहा, और सोना 38,400 रुपये पर आ गया। लेकिन इस बाद यह धीरे धीरे बढ़ता हुआ 56,191 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया।’’

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की वैक्सीन और आर्थिक सुधार की चर्चा के बाजवूद उम्मीद है कि ताजा प्रोत्साहनों के चलते सोना आगे भी तेज बना रहेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘ताजा प्रोत्साहनों की वजह से डॉलर कमजोर हो सकता है और इससे सोने की कीमतें एक बार फिर बढ़ सकती हैं। इसके अलावा बड़े पैमाने पर प्रोत्साहनों के कारण मुद्रास्फीति के दबावों के चलते निवेशकों के लिए सोना आकर्षक बना रहेगा। ’’

त्यागराजन ने कहा कि भारत और चीन से सोने की मांग 2021 में महत्वपूर्ण होगी, जो पिछले कुछ वर्षों से कमजोर है और इसमें एक बार फिर तेजी आ सकती है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि 2021 में कीमतें कम से कम 60,000 रुपये या 2,200 अमरीकी डालर के स्तर को छू लेंगी, बशर्ते रुपया भी स्थिर रहे।’’

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा कि वैश्विक स्तर पर आर्थिक सुधार से जुड़ी चिंताओं के कारण सोना अगले साल भी तेज बना रहेगा और इसकी कीमत कॉमैक्स पर 2,150-2,390 डॉलर प्रति औंस के बीच रह सकती है, जबकि एमसीएक्स पर सोना 57,000-63,000 रुपये के बीच रह सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘आर्थिक गतिविधियों में पुनरूत्थान की धीमी रफ्तार, श्रम बाजार की वृद्धि भी कमजोर रहने के साथ ही बड़ी मात्रों में प्रोत्साहन उपायों से सोने के दाम लगातार मजबूती में बने रहेंगे।’’

पटेल ने कहा कि 2020 में सोने के दाम को डालर के मुकाबले रुपये में गिरावट से अतिरिक्त समर्थन मिला। पिछले एक साल के दौरान हाजिर रुपया करीब तीन प्रतिशत नीचे रहा है। इसके अलावा वर्ष की पहली छमाही में अमेरिका के शेयर बाजार में गिरावट और वास्तविक प्राप्ति में गिरने से निवेशक डालर से बाहर निकल गये जिसका लाभ सोने में निवेश को मिला।

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