नई दिल्ली: अडानी एंटरप्राइजेज ने बुधवार को अपने 20 हजार करोड़ रुपये के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) को वापस लेने और निवेशकों का पैसा लौटाने की घोषणा की। हालांकि, कंपनी के एफपीओ को मंगलवार को पूर्ण अभिदान मिल गया था। इस बीच अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने कहा कि बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण एफपीओ को पूर्ण अभिदान मिलने के बाद वापस लेने का फैसला किया।
उन्होंने कहा, "पूरी तरह से सब्सक्राइब किए गए एफपीओ के बाद आज के दिन इसे वापस लेने के फैसले ने कई लोगों को चौंका दिया होगा। लेकिन बाजार में आज के उतार-चढ़ाव को देखते हुए बोर्ड ने दृढ़ता से महसूस किया कि एफपीओ के साथ आगे बढ़ना नैतिक रूप से सही नहीं होगा। मेरे लिए मेरे निवेशकों का हित सर्वोपरि है और सब कुछ गौण है। इसलिए निवेशकों को संभावित नुकसान से बचाने के लिए हमने एफपीओ वापस ले लिया है। इस निर्णय का हमारे मौजूदा परिचालनों और भविष्य की योजनाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। हम समय पर निष्पादन पर ध्यान देना जारी रखेंगे।"
गौतम अडानी ने आगे कहा, "बाजार में स्थिरता आने के बाद हम अपनी पूंजी बाजार रणनीति की समीक्षा करेंगे। हमारा ईएसजी पर खासा फोकस है और हमारा हर बिजनेस जिम्मेदार तरीके से वैल्यू क्रिएट करता रहेगा। हमारे शासन के सिद्धांतों का सबसे मजबूत सत्यापन हमारी कई अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों से आता है। हमारी बैलेंस शीट मजबूत है और संपत्ति मजबूत है।"
उन्होंने ये भी कहा, "हमारा एबिट्डा स्तर और नकदी प्रवाह बहुत मजबूत रहा है और हमारे ऋण दायित्वों को पूरा करने का एक त्रुटिहीन ट्रैक रिकॉर्ड है। हम दीर्घकालिक मूल्य निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेंगे और विकास को आंतरिक संसाधनों द्वारा प्रबंधित किया जाएगा।"