नयी दिल्ली, आठ दिसंबर कंपनियों द्वारा बार-बार मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) को बदलने से शेयर मूल्य में सुधार की संभावना प्रभावित होती है, जिससे शेयरधारकों का दीर्घकालिक रिटर्न कम होता है। एक अध्यन में यह बात सामने आई है।
इस अध्ययन में 15 साल की अवधि के दौरान निफ्टी50 की कुछ कंपनियों पर बारीकी से नजर रखी गई।
अध्ययन के अनुसार, बार-बार सीईओ बदलने वाली कंपनियों के मुकाबले कम बार सीईओ बदलने वाली कंपनियों का शेयर प्रीमियम सालाना तीन प्रतिशत के औसत से दोगुना से अधिक रहा।
डेलॉयट इंडिया द्वारा ‘बेहतर प्रदर्शन करने वाले सीईओ दूसरों से अलग कैसे और बोर्ड कैसे उनकी मदद कर सकता है’ विषय पर अध्ययन से यह निष्कर्ष निकला है।
इस अध्यन में सीईओ की नियुक्ति के बाद कंपनियों के वित्तीय प्रदर्शन का विश्लेषण किया और पाया कि सीईओ और उनकी नीतियों में स्थिरता तथा निरंतरता से अच्छे रिटर्न की संभावना अधिक होती है।
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