2000 Rupee Note: "नोट बैन से नहीं पड़ेगा भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोई असर", बोले पूर्व वित्त सचिव और नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष, जानें एक्सपर्ट्स की राय

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 20, 2023 04:05 PM2023-05-20T16:05:52+5:302023-05-20T16:16:11+5:30

आरबीआई के 2000 के नोट वापस लेने वाले फैसले पर बोलते हुए नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगड़िया ने कहा है कि “हम इसका अर्थव्यवस्था पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं देखेंगे। 2,000 के नोट की कितनी भी राशि को बराबर कीमत में कम मूल्यवर्ग के नोटों से बदल दिया जाएगा या जमा कर दिया जाएगा। इसलिए धन प्रवाह पर प्रभाव नहीं पड़ेगा।”

former Finance Secretary former Vice Chairman of NITI Aayog says 2000 rupee Note ban will not affect Indian economy | 2000 Rupee Note: "नोट बैन से नहीं पड़ेगा भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोई असर", बोले पूर्व वित्त सचिव और नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष, जानें एक्सपर्ट्स की राय

फोटो सोर्स: ANI (प्रतिकात्मक फोटो)

Highlightsआरबीआई के 2000 के नोट वापस लेने वाले फैसले पर एक्सपर्ट ने अपनी बात रखी है। पूर्व वित्त सचिव और नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष का कहना है कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ेगा। बता दें कि आरबीआई ने कल रात बयान जारी कर कहा है कि 2000 के नोट 30 सितंबर तक वैध मुद्रा बने रहेंगे।

नई दिल्ली:  पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने शनिवार को कहा कि 2,000 रुपये का नोट वापस लिए जाना ‘बहुत बड़ी घटना’ नहीं है और इससे अर्थव्यवस्था या मौद्रिक नीति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि 2,000 रुपये के नोट को 2016 में विमुद्रीकरण के समय ‘आकस्मिक कारणों’ से मुद्रा की अस्थायी कमी को दूर करने के लिए लगाया गया था। 

इस मुद्दे पर सुभाष चंद्र गर्ग ने क्या कहा है

गर्ग ने कहा कि पिछले पांच-छह वर्षों में डिजिटल भुगतान में भारी वृद्धि के बाद, 2,000 रुपये का नोट (जो वास्तव में अन्य मूल्यवर्ग के नोटों के स्थान पर लाया गया था) वापस लेने से कुल मुद्रा प्रवाह प्रभावित नहीं होगा और इसलिए मौद्रिक नीति पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, “इससे भारत के आर्थिक और वित्तीय तंत्र के परिचालन पर भी प्रभाव नहीं पड़ेगा। जीडीपी वृद्धि या जन कल्याण पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ेगा।” 

आरबीआई ने शुक्रवार को 2,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने की घोषणा की थी। इस मूल्य के नोट बैंकों में जाकर 30 सितंबर तक जमा या बदले जा सकेंगे। आरबीआई ने शाम को जारी एक बयान में कहा कि अभी चलन में मौजूद 2,000 रुपये के नोट 30 सितंबर तक वैध मुद्रा बने रहेंगे। 

नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष ने क्या कहा

यही नहीं नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगड़िया ने भी कहा है कि 2000 का नोट वापस मंगाने के भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के फैसले से अर्थव्यवस्था पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि ऐसे वापस हुए नोटों के स्थान पर उसी कीमत में कम मूल्यवर्ग के नोट जारी कर दिए जाएंगे। पनगड़िया ने कहा कि इस कदम के पीछे संभावित मकसद अवैध धन की आवाजाही को और मुश्किल बनाना है। 

उन्होंने आगे कहा है कि “हम इसका अर्थव्यवस्था पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं देखेंगे। 2,000 के नोट की कितनी भी राशि को बराबर कीमत में कम मूल्यवर्ग के नोटों से बदल दिया जाएगा या जमा कर दिया जाएगा। इसलिए धन प्रवाह पर प्रभाव नहीं पड़ेगा।” 

दो हजार के नोट 30 सितंबर तक वैध मुद्रा बने रहेंगे-आरबीआई

मुद्दे पर पनगरिया ने कहा कि 2,000 रुपये के नोट वर्तमान में जनता के हाथों में कुल नकदी का केवल 10.8 प्रतिशत हैं और इसमें से भी ज्यादातर राशि का उपयोग संभवत: अवैध लेनदेन में होता है। बता दें कि कि आरबीआई ने शुक्रवार को 2,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने की घोषणा की थी। इस मूल्य के नोट बैंकों में जाकर 30 सितंबर तक जमा या बदले जा सकेंगे। आरबीआई ने शाम को जारी एक बयान में कहा कि अभी चलन में मौजूद 2,000 रुपये के नोट 30 सितंबर तक वैध मुद्रा बने रहेंगे। 
 

Web Title: former Finance Secretary former Vice Chairman of NITI Aayog says 2000 rupee Note ban will not affect Indian economy

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे