रिजर्व बैंक ने लगातार नौवीं बार रेपो दर को चार प्रतिशत के रिकॉर्ड निचले स्तर पर कायम रखा

By भाषा | Updated: December 8, 2021 14:18 IST2021-12-08T14:18:11+5:302021-12-08T14:18:11+5:30

For the ninth time in a row, the Reserve Bank kept the repo rate at a record low of four percent. | रिजर्व बैंक ने लगातार नौवीं बार रेपो दर को चार प्रतिशत के रिकॉर्ड निचले स्तर पर कायम रखा

रिजर्व बैंक ने लगातार नौवीं बार रेपो दर को चार प्रतिशत के रिकॉर्ड निचले स्तर पर कायम रखा

मुंबई, आठ दिसंबर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को उम्मीद के अनुरूप प्रमुख नीतिगत दर रेपो को चार प्रतिशत पर बरकरार रखा। कोरोना वायरस के नये स्वरूप ओमीक्रोन को लेकर अनिश्चितता के बीच आर्थिक वृद्धि को गति देने के इरादे से केंद्रीय बैंक ने लगातार नौवीं बार नीतिगत दर को रिकॉर्ड निचले स्तर पर कायम रखने का फैसला किया।

छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आम सहमति से मानक ब्याज दर को चार प्रतिशत पर बरकरार रखने का निर्णय किया। एमपीसी के पांच सदस्यों ने जबतक जरूरत हो, उदार रुख को बनाये रखने के पक्ष में मतदान किया। यह बताता है कि मुद्रास्फीति के चिंताजनक स्तर पर नहीं होने से आरबीआई के लिये आर्थिक वृद्धि को गति देना फिलहाल ज्यादा महत्वपूर्ण है। एमपीसी ने पिछले साल अगस्त से नीतिगत दर में बदलाव नहीं किया है।

इसके साथ ही रिवर्स रेपो दर को 3.35 प्रतिशत पर कायम रखा गया है।

रेपो दर वह दर है, जिस पर केंद्रीय बैंक फौरी जरूरतों के लिये वाणिज्यिक बैंकों को सरकारी प्रतिभूतियों के एवज में कर्ज देता है। वहीं वाणिज्य बैंकों द्वारा रिजर्व बैंक पर जो जमा रखी जाती है, उस पर दिए जाने वाले ब्याज को रिवर्स रेपो दर कहा जाता है।

केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 के लिये जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर के लक्ष्य को 9.5 प्रतिशत पर और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के अनुमान को 5.3 प्रतिशत पर कायम रखा है।

केंद्रीय बैंक ने कहा कि महामारी की दूसरी लहर से प्रभावित पुनरुद्धार फिर से गति पकड़ रहा है, लेकिन यह अभी आत्मनिर्भर और भरोसेमंद होने के लिहाज से मजबूत नहीं है।

गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा के बारे में जानकारी देते हुए कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था में सुस्ती अभी दूर नहीं हुई है और विशेष रूप से निजी खपत और अन्य कई गतिविधियां अब भी महामारी-पूर्व के स्तर से नीचे हैं। ऐसे में मजबूत और व्यापक-आधार पर पुनरुद्धार के लिये के लिए निरंतर नीतिगत समर्थन की आवश्यकता है। ’’

आर्थिक वृद्धि के संदर्भ में केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिये जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर अनुमान को 9.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा।

महंगाई दर के बारे में आरबीआई ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर उत्पाद शुल्क और वैट (मूल्य वर्धित कर) में कटौती तथा खाद्य तेल और दाल के मामले में सरकार की तरफ से उठाये गये कदमों को लेकर संतोष जताया।

केंद्रीय बैंक ने 2021-22 के लिये उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के अनुमान को 5.3 प्रतिशत पर कायम रखा है।

दास ने कहा कि आरबीआई नकदी की स्थिति को संतुलित करना जारी रखेगा और वीआरआरआर (परिवर्तनीय दर रिवर्स रेपो) नीलामी का उपयोग नकदी प्रबंधन के लिए प्राथमिक उपाय के रूप में करेगा। यह व्यवस्था निर्धारित रिवर्स रेपो दर से हटकर होगी।

आरबीआई 14-दिवसीय वीआरआरआर के माध्यम से वापस ली जाने वाली नकदी की मात्रा को बढ़ाकर 17 दिसंबर को 6.5 लाख करोड़ रुपये और बाद में 31 दिसंबर को 7.5 लाख करोड़ रुपये तक करेगा।

बैंकों में अतिरिक्त नकदी करीब 9.2 लाख करोड़ रुपये के आसपास है, जो रिकॉर्ड स्तर के करीब है।

अतिरिक्त नकदी को उपभोक्ता कीमतों के लिये जोखिम के रूप में देखा जा रहा है। सब्जियों की कीमतें और ईंधन लागत बढ़ने से इस पर पहले से दबाव है।

अतिरिक्त नकदी को सामान्य स्तर पर लाने के लिये सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) के तहत पात्र अतिरिक्त मात्रा को कम करने को लेकर और कदम उठाये जा रहे हैं। इसके अलावा बैंकों को उनकी तरलता की स्थिति को अनुकूलतम स्तर पर लाने के लिए किसी भी लक्षित दीर्घकालिक रेपो परिचालन (टीएलटीआरओ) निकासी का पूर्व भुगतान करने की अनुमति दी गई है।

दास ने यह भी कहा कि ओमीक्रोन के सामने आने और कई देशों में संक्रमण के मामले बढ़ने के साथ परिदृश्य को लेकर जोखिम बढ़ा है।

उन्होंने कहा कि हाल में कुछ सुधार के बावजूद अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऊर्जा और जिंसों के दाम में तेजी तथा विकसित देशों में मौद्रिक नीति के तेजी से सामान्य रास्ते पर लाये जाने के कदम से वैश्विक वित्तीय बाजारों में उतार-चढ़ाव की आशंका एवं लंबे समय से जारी वैश्विक आपूर्ति बाधाओं को देखते हुए चुनौतियां बनी हुई हैं।

रिजर्व बैंक ने बैंकों के लिये विदेशों में स्थित शाखाओं में पूंजी लगाने और लाभ भेजने के नियम को सुगम बनाने का निर्णय किया है।

साथ ही डिजिटल भुगतान के लिये ग्राहकों पर लगने वाले शुल्कों की समीक्षा का प्रस्ताव किया गया है।

मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक सात-नौ फरवरी, 2022 को होगी।

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Web Title: For the ninth time in a row, the Reserve Bank kept the repo rate at a record low of four percent.

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