फिच ने कहा, जटिल प्रक्रियाओं के कारण बीपीसीएल के निजीकरण में हो सकती है देरी
By भाषा | Updated: September 6, 2021 20:08 IST2021-09-06T20:08:36+5:302021-09-06T20:08:36+5:30

फिच ने कहा, जटिल प्रक्रियाओं के कारण बीपीसीएल के निजीकरण में हो सकती है देरी
नयी दिल्ली, छह सितंबर रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने सोमवार को कहा कि बोलीदाता समूह को लेकर अनिश्चितता और मूल्यांकन समेत जटिल प्रक्रिया को देखते हुए भारत की सबसे बड़ी खुदरा ईंधन कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) के निजीकरण में देरी हो सकती है।
फिच ने बीपीसीएल को नकारात्मक परिदृश्य के साथ ‘बीबीबी -’ रेटिंग दी हुई है।
रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘‘बोलीदाता जांच-पड़ताल का काम कर रहे हैं। लेकिन बोलीदाता समूह और मूल्यांकन समेत जटिल प्रक्रियाओं को देखते हुए निजीकरण में विलम्ब हो सकता है।’’
उसने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि आगे कोविड-19 की तीसरी लहर और वैश्विक तेल तथा गैस कंपनियों के ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव पर ध्यान केंद्रित करने से क्षेत्र में संभावित बड़े अधिग्रहण के समय और मूल्यांकन को लेकर अनिश्चितता दिखाई दे रही है।’’
फिच ने कहा कि मामले में उल्लेखनीय प्रगति होने पर वह कंपनी को दी गयी रेटिंग की समीक्षा करेगी।
सरकार बीपीसीएल में अपनी पूरी 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच रही है। इसके लिये तीन रुचि पत्र प्राप्त हुए हैं। इसमें एक रुचि पत्र उद्योगपति अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाले वेदांता समूह का है।
वित्तीय बोलियां अभी तक आमंत्रित नहीं की गयी है।
फिच ने कहा कि बीपीसीएल की बिक्री 2021-22 में सुधकर 4.3 करोड़ टन रह सकती है जो इससे पूर्व वित्त वर्ष 2020-21 में 4.1 करोड़ टन थी। हालांकि चालू वित्त वर्ष की बिक्री का अनुमान कोविड-पूर्व स्तर 2019-20 के मुकाबले 6 प्रतिशत कम है।
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