राजकोषीय घाटा अक्टूबर अंत तक सालाना अनुमान का 36.3 प्रतिशत: सरकारी आंकड़ा
By भाषा | Updated: November 30, 2021 19:45 IST2021-11-30T19:45:29+5:302021-11-30T19:45:29+5:30

राजकोषीय घाटा अक्टूबर अंत तक सालाना अनुमान का 36.3 प्रतिशत: सरकारी आंकड़ा
नयी दिल्ली, 30 नवंबर केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा अक्टूबर के अंत में वित्त वर्ष 2021-22 के सालाना बजटीय लक्ष्य का 36.3 प्रतिशत रहा। मंगलवार को लेखा महानियंत्रक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार मुख्य रूप से राजस्व संग्रह में सुधार से राजकोषीय घाटा अपेक्षाकृत कम रहा है।
चालू वित्त वर्ष में घाटे का आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले बेहतर है। व्यय और राजस्व के बीच अंतर बताने वाला राजकोषीय घाटा 2020-21 के बजटीय अनुमान के 119.7 प्रतिशत तक पहुंच गया था।
ऐसा मुख्य रूप से कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए व्यय के बढ़ने की वजह से हुआ था।
लेखा महानियंत्रक के आंकड़ों के अनुसार, निरपेक्ष रूप से राजकोषीय घाटा अक्टूबर, 2021 के अंत तक 5,47,026 करोड़ रुपये रहा।
सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.8 प्रतिशत यानी 15.06 लाख करोड़ रुपये रहने का लक्ष्य रखा है।
लेखा महानियंत्रक के अनुसार, भारत सरकार को अक्टूबर, 2021 तक लगभग 12.79 लाख करोड़ रुपये (कुल प्राप्तियों के 2021-22 के समान बजटीय लक्ष्य का 64.8 प्रतिशत) प्राप्त हुए, जिसमें 10.53 लाख करोड़ रुपये का कर राजस्व (शुद्ध रूप से केंद्र को), 2.06 लाख करोड़ रुपये का गैर-कर राजस्व और 19,722 करोड़ रुपये की गैर-ऋण पूंजीगत प्राप्तियां शामिल हैं।
आंकड़ों के अनुसार, केंद्र द्वारा किया गया कुल व्यय 18.26 लाख करोड़ रुपये (2021-22 के बजटीय लक्ष्य का 52.4 प्रतिशत) था, जिसमें से 15.73 लाख करोड़ रुपये राजस्व खाते में और 2.53 लाख करोड़ रुपये पूंजी खाते में है।
कुल राजस्व व्यय में से लगभग चार लाख करोड़ रुपये ब्याज भुगतान के लिए और 2.09 लाख करोड़ रुपये प्रमुख सब्सिडी मद में हुए।
वित्त वर्ष 2020-21 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 9.3 प्रतिशत रहा था। यह फरवरी में पेश बजट में संशोधित अनुमान 9.5 प्रतिशत से कम रहा।
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