FEMA Violation: 611 करोड़ रुपये का नोटिस?, फेमा नियम में ‘उल्लंघन’, पेटीएम की प्रमुख कंपनी वन 97 कम्युनिकेशन लि पर आफत
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 3, 2025 17:14 IST2025-03-03T17:13:32+5:302025-03-03T17:14:17+5:30
FEMA Violation: प्रवर्तन निदेशालय ने बयान में कहा कि विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों के लगभग 611 करोड़ रुपये के उल्लंघन के लिए पेटीएम की प्रमुख कंपनी वन 97 कम्युनिकेशन लि. (ओसीएल), इसके प्रबंध निदेशक और लिटिल इंटरनेट प्राइवेट लि. और नियरबाय इंडिया प्राइवेट लि. जैसी पेटीएम की अन्य अनुषंगी कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

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FEMA Violation: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कहा कि उसने विभिन्न मामलों में फेमा के नियमों के ‘उल्लंघन’ के लिए पेटीएम की मूल कंपनी और उससे जुड़ी इकाइयों को 611 करोड़ रुपये का कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह नोटिस न्यायिक कार्यवाही शुरू होने से पहले जांच एजेंसी के एक विशेष निदेशक ने जारी किया है। प्रवर्तन निदेशालय ने बयान में कहा कि विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों के लगभग 611 करोड़ रुपये के उल्लंघन के लिए पेटीएम की प्रमुख कंपनी वन 97 कम्युनिकेशन लि. (ओसीएल), इसके प्रबंध निदेशक और लिटिल इंटरनेट प्राइवेट लि. और नियरबाय इंडिया प्राइवेट लि. जैसी पेटीएम की अन्य अनुषंगी कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
जांच में पाया गया कि वन 97 कम्युनिकेशन लि. ने सिंगापुर में विदेशी निवेश किया और अनुषंगी की वैश्विक अनुषंगी के गठन के बारे में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को आवश्यक सूचना नहीं दी। इसमें आरोप लगाया गया कि वन 97 कम्युनिकेशन ने आरबीआई के निर्धारित उचित मूल्य निर्धारण दिशानिर्देशों का ‘पालन किये बिना’ विदेशी निवेशकों से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) भी प्राप्त किया था।
अन्य अनुषंगी कंपनी... नियरबाय इंडिया प्राइवेट लि. ने आरबीआई की समयसीमा के भीतर कंपनी द्वारा प्राप्त एफडीआई के बारे में जानकारी नहीं दी। पेटीएम ने पिछले शनिवार शेयर बाजार को दी सूचना में कहा था कि उसे कंपनी और उसकी दो अनुषंगी कंपनियों... लिटिल इंटरनेट और नियरबाय... के कुछ निवेश लेनदेन के संबंध में फेमा नियमों के कथित उल्लंघन के लिए ईडी से नोटिस मिला है। बाद में, पेटीएम ने स्पष्ट किया कि कथित उल्लंघन उस अवधि से संबंधित है जब दोनों कंपनियां उसकी अनुषंगी कंपनियां नहीं थीं। इसने 2017 में दोनों कंपनियों का अधिग्रहण किया था।