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यूरोपीय संघ का निर्णय: एप्पल को नहीं करना होगा पुराने कर के रूप में 13 अरब यूरो का भुगतान

By भाषा | Updated: July 18, 2020 15:44 IST

यूरोपीय संघ (ईयू) के लक्जमबर्ग स्थित सामान्य न्यायालय ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों और ईयू के सदस्य देशों के बीच कर होने वाले विशेष समझौतों पर पाबंदी के प्रयास को जोरदार झटका दिया।

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ठळक मुद्देयूरोपीय संघ (ईयू) के लक्जमबर्ग स्थित सामान्य न्यायालय ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों और ईयू के सदस्य देशों के बीच कर होने वाले विशेष समझौतों पर पाबंदी के प्रयास को जोरदार झटका दिया।अदालत ने एक आदेश में कहा कि अमेरिका की बहुराष्ट्रीय कंपनी एप्पल को आयरलैंड के साथ हुए कर समझौते को लेकर पुराने कर के रूप में 13 अरब यूरो (15 अरब डॉलर) का भुगतान नहीं करना होगा।

ब्रसेल्स: यूरोपीय संघ (ईयू) के लक्जमबर्ग स्थित सामान्य न्यायालय ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों और ईयू के सदस्य देशों के बीच कर होने वाले विशेष समझौतों पर पाबंदी के प्रयास को जोरदार झटका दिया। अदालत ने एक आदेश में कहा कि अमेरिका की बहुराष्ट्रीय कंपनी एप्पल को आयरलैंड के साथ हुए कर समझौते को लेकर पुराने कर के रूप में 13 अरब यूरो (15 अरब डॉलर) का भुगतान नहीं करना होगा। ईयू के अधिशासी निकाय यूरोपीय आयोग ने 2016 में दावा किया था कि एप्पल ने आयरलैंड की सरकार के साथ कर समझौता किया है, जिससे कंपनी को कम दर पर कर भुगतान करने की सहूलियत मिल रही है। आयोग ने इस तरह के समझौते को अवैध बताया था।

 इसी तर्क के आधार पर यूरोपीय आयोग ने एप्पल को 2003 से 2014 के दौरान यूरोपीय संघ में हुए लाभ पर पुराने कर का भुगतान करने को कहा था। आयोग का कहना था कि कंपनी ने आयरलैंड से जो समझौता किया है, उसके कारण कंपनी की पूरे यूरोपीय संघ के लिये कर देनदारी एक प्रतिशत से भी कम हो जाती है। बहुराष्ट्रीय कंपनियां अधिकांश मामलों में यूरोपीय संघ के 27 देशों के परिचालन से प्राप्त लाभ के एकमुश्त कर का भुगतान उस एक देश में कर देते हैं, जहां उनका क्षेत्रीय मुख्यालय होता है। अमेरिका की कंपनियों के मामले में यूरोप का क्षेत्रीय मुख्यालय सामान्यत: आयरलैंड ही होता है।

 ईयू की आम अदालत ने आयोग के आदेश को चुनौती देने वाली आयरलैंड की याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को कहा कि आयोग ऐसे कानूनी तर्क साबित नहीं कर पाया है, जिससे पता चले कि संबंधित मामले में कंपनी को फायदा पहुंचा हो। अदालत ने कहा, ‘‘आयोग यह घोषणा करने में गलत था कि एप्पल को विशेष आर्थिक लाभ दिया गया है।

’’ आयरलैंड की सरकार ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, ‘‘आयरलैंड इस बात को लेकर हमेशा स्पष्ट था कि अमेरिका की कंपनी को कोई विशेष सुविधा नहीं दी गयी है। आयरलैंड ने आयोग के आदेश का इस कारण विरोध किया था कि कंपनी को कोई सरकारी सहायता नहीं दी गयी है। अदालत के आज के निर्णय से भी यही बात साबित होती है।’’ एप्पल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) टिम कुक ने भी यूरोपीय आयोग की मांग को पूरी तरह से राजनीतिक बकवास करार दिया था।

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