ईपीसी क्षेत्रः 2030 तक 2.5 करोड़ से अधिक नौकरी?, 2020 के बाद से भर्ती मांग में 51 प्रतिशत की वृद्धि
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 6, 2025 15:01 IST2025-12-06T15:00:48+5:302025-12-06T15:01:35+5:30
EPC sector: ईपीसी क्षेत्र से 2030 तक 2.5 करोड़ से अधिक नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है। हर साल लाखों लोग रोजगार बाजार में आते हैं।

file photo
मुंबईः देश के इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) क्षेत्र में 2030 तक 2.5 करोड़ से अधिक नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है। एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया। एचआर समाधान प्रदाता सीआईईएल एचआर के 'ईपीसी क्षेत्र प्रतिभा अध्ययन, 2025' के अनुसार, ईपीसी क्षेत्र देश के अग्रणी रोजगार सृजनकर्ताओं में एक है और 2020 के बाद से भर्ती मांग में 51 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, इस समय संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों को मिलाकर 8.5 करोड़ से अधिक लोग ईपीसी क्षेत्र में काम कर रहे हैं। इनमें से लगभग 70–80 लाख पेशेवर देश की शीर्ष ईपीसी कंपनियों में काम करते हैं।
सीआईईएल एचआर के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा, ''जैसे-जैसे देशभर में बुनियादी ढांचे का विकास हो रहा है, भर्ती में भी तेजी आती रहेगी। ईपीसी क्षेत्र से 2030 तक 2.5 करोड़ से अधिक नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है। हर साल लाखों लोग रोजगार बाजार में आते हैं।
यह क्षेत्र लगातार भारत की कार्यबल का एक बड़ा हिस्सा अपने भीतर समाहित करता रहेगा।'' रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कृत्रिम मेधा (एआई) से ईपीसी क्षेत्र की नौकरियों को कोई खतरा नहीं है, बल्कि यह क्षेत्र की रफ्तार को बढ़ाएगा। एआई से परियोजनाओं की दक्षता बढ़ेगी, योजना और इंजीनियरिंग प्रक्रियाएं मजबूत होंगी और आपूर्ति श्रृंखला का प्रबंधन बेहतर होगा,
लेकिन इससे मानव संसाधन की मांग कम नहीं होगी। मिश्रा ने कहा, ''भारत का विकास मॉडल अब ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच संतुलित वृद्धि पर केंद्रित है। जैसे-जैसे ग्रामीण बुनियादी ढांचे का विस्तार होगा, जनशक्ति की जरूरत और बढ़ेगी। सरकार भी इस विस्तार को तेज करने के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है।''