नयी दिल्ली, 14 मार्च राजमार्ग परियोजनाओं में देरी से नाराज संसद की एक समिति ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से कहा है कि वह नयी परियोजनाओं की घोषणा करने के बजाय लंबित परियोजनाओं को पूरा करने को प्राथमिकता दे। करीब 3.15 लाख करोड़ रुपये की राजमार्ग परियोजनाएं लंबित हैं।
इन देरी वाली 888 परियोजनाओं के तहत 27,665 किलोमीटर राजमार्गों का निर्माण होना है।
परिवहन, पर्यटन और संस्कृति पर विभाग आधारित संसद की स्थायी समिति ने अपनी ताजा रिपोर्ट में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) से कहा है कि वह अपनी लंबित सड़क परियोजनाओं के लिए प्राथमिकता तय करे।
टीजी वेंकटेश की अध्यक्षता वाली 31 सदस्यीय समिति ने इस बात पर क्षोभ जताया कि मंत्रालय के तहत 3,15,373.3 करोड़ रुपये की 888 परियोजनाएं अभी लंबित हैं। इन परियोजनाओं के तहत 27,665.3 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जाना है।
समिति ने कहा कि मौजूदा सड़क परियोजनाओं को पूरा करने में विलंब से समय का काफी नुकसान होता है। इससे ईंधन की खपत भी बढ़ जाती है। साथ ही परियोजना की लागत में भी इजाफा होता है।
समिति ने मंत्रालय से कहा है कि वह नयी परियोजनाओं की घोषणा करने के बजाय मौजूदा लंबित परियोजनाओं को पूरा करने को प्राथमिकता दे।
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