आज रात से नहीं उड़ेगी जेट एयरलाइन की फ्लाइट, बैंकों ने इमरजेंसी फंड देने से किया इंकार
By स्वाति सिंह | Updated: April 17, 2019 19:32 IST2019-04-17T19:15:34+5:302019-04-17T19:32:19+5:30
जेट एयरवेज ने ऋणदाताओं से 400 करोड़ रुपये का इमरजेंसी फंड देने की मांग की थी, जिससे ऋणदाताओं ने इनकार कर दिया है।

अगर जेट एयरवेज कंपनी बंद होती है लगभग 20 हजार लोगों की नौकरी जाने का खतरा है।
नकदी संकट से जूझ रही निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी जेट एयरवेज ने बुधवार रात से सभी परिचालन को अस्थायी रूप से निलंबित करने का फैसला किया है। सूत्रों द्वारा बताए जाने के बाद समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने यह खबर दी है।
कंपनी का यह फैसला ऋणदाताओं द्वारा जेट के अतिरिक्त धन के अनुरोध को अस्वीकार करने के बाद आया है। दरअसल, जेट एयरवेज ने ऋणदाताओं से 400 करोड़ रुपये का इमरजेंसी फंड देने की मांग की थी, जिससे ऋणदाताओं ने इनकार कर दिया है।
एयरलाइन अभी सिर्फ पांच विमानों का परिचालन कर रही है। विमानन कंपनी ने कहा है कि गंभीर नकदी संकट की वजह से उसका परिचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बंबई शेयर बाजार को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा कि वह अपने निदेशक मंडल के साथ विचार विमर्श कर रही है।
उधर, जेट एयरवेज के पायलटों के संगठन ने भारतीय स्टेट बैंक से 1,500 करोड़ रुपये जारी करने की सोमवार को अपील की। संगठन ने कंपनी में काम कर रहे 20 हजार लोगों की नौकरियां बचाने की भी अपील प्रधानमंत्री से की।
कर्ज की पुनर्संरचना की पिछले महीने तैयार योजना के तहत भारतीय स्टेट बैंक को जेट एयरवेज में 1,500 करोड़ रुपये लगाने हैं। बता दें कि कंपनी के पायलटों, इंजीनियरों और वरिष्ठ कर्मियों को दिसंबर 2018 के बाद से वेतन नहीं मिला है। कंपनी मार्च महीने में कुछ अन्य श्रेणियों के कर्मचारियों को भी वेतन देने में असफल रही है।
गौरतलब है कि 25 साल पुरानी इस एयरलाइन कंपनी पर 8,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है। वहीं, अगर जेट एयरवेज कंपनी बंद होती है लगभग 20 हजार लोगों की नौकरी जाने का खतरा है।