अनिल अंबानी से ईडी ने फेमा मामले में की सात घंटे की लंबी पूछताछ
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 4, 2023 07:55 AM2023-07-04T07:55:32+5:302023-07-04T08:01:51+5:30
उद्योगपति अनिल अंबानी बीते सोमवार को ईडी के सवालों का जवाब देने के लिए दक्षिण मुंबई स्थित ईडी के बैलार्ड एस्टेट कार्यालय पहुंचे, जहां अधिकारियों ने उनसे फेमा उलंघन मामले में पूछताछ की।
मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी (एडीए) समूह के प्रमुख अनिल अंबानी से विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के आरोपों में सोमवार को सात घंटे की लंबी पूछताछ की। खबरों के मुताबिक अनिल अंबानी ईडी के सवालों का जवाब देने के लिए दक्षिण मुंबई में ईडी के बैलार्ड एस्टेट कार्यालय पहुंचे, जहां फेमा उलंघन मामले में जांच अधिकारियों ने उनसे सवाल पूछे।
समाचार वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार अनिल अंबानी से ईडी अधिकारियों ने क्या पूछताछ की। इसकी जानकारी ईडी अधिकारियों ने नहीं दिया, लेकिन कयास लग रहे हैं कि जांच एजेंसी ने अनिल अंबानी से कथित फेमा उल्लंघन के उस मामले में जानकारी ली, जिसमें आयकर विभाग ने अपनी पड़ताल के दौरान उजागर किया है कि अंबानी ने 800 करोड़ रुपये की कथित अघोषित विदेशी संपत्ति बनाई है।
आयकर विभाग ने पिछले साल मार्च में अपने फाइनल असेस्मेंट के आदेश में कहा था कि उसे काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) कर अधिनियम, 2015 के तहत अनिल अंबानी द्वारा अघोषित ऑफशोर संपत्ति और निवेश का पता चला है। उसके बाद अनिल अंबानी के खिलाफ 2019 में पहली बार कथित अघोषित अपतटीय संपत्तियों के मामले में नोटिस जारी हुआ था।
आईटी विभाग ने ऑफशोर कंपनियों से लिंक बैंक खातों में 800 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन का खुलासा किया था। इंडियन एक्सप्रेस ने पहले आयकर विभाग की जांच पर रिपोर्ट दी थी। जानकारी के अनुसार अबानी के खिलाफ दिया गया आयकर आदेश में उनके स्वामित्व वाले कंपनियां दो ऑफशोर जगहों बहामास और ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह में पायी गई हैं।
बताया गया है कि अंबानी से संबंद्ध विदेशी बैंक खातों में "पर्याप्त" लेनदेन का पता चला है और ऑफशोर संपत्तियों पर कोई शुल्क नहीं लगाया गया है। उसके बाद फरवरी 2020 में अनिल अंबानी ने यूके की एक अदालत में घोषणा की थी कि वह "दिवालिया" हो चुके हैं और उनकी कुल संपत्ति "शून्य" है।
इस साल मार्च में बॉम्बे हाई कोर्ट ने आईटी विभाग को निर्देश दिया कि वह 17 मार्च तक अंबानी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई न करें। आईटी ने उनके खिलाफ जारी नए जुर्माना नोटिस में आरोप लगाया गया था कि अनिल अंबानी ने दो स्विस बैंक खातों में 814 करोड़ रुपये पर 420 करोड़ रुपये जोड़कर कर चोरी की थी।
इस साल अप्रैल में बॉम्बे हाई कोर्ट ने अगले आदेश तक अनिल अंबानी को आयकर मामले में दी गई सुरक्षा बढ़ा दी और ब्लैक मनी एक्ट (बीएमए) के तहत आईटी विभाग द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस और जुर्माने की मांग पर रोक लगा दी।
इससे पहले इंडियन एक्सप्रेस और अन्य मीडिया समूहों के साथ साझेदारी में इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) द्वारा एक से अधिक ऑफशोर जांच में अनिल अंबानी का नाम आया था। साल 2015 में "स्विस लीक्स" जांच से पता चला कि अनिल अंबानी उन 1,100 भारतीयों में से थे, जिनका एचएसबीसी की जिनेवा शाखा में खाता था। साल 2006-07 में अनिल अंबानी के एचएसबीसी खाते में 26.6 मिलियन डॉलर थे।